मच्छरों की रोकथाम: मलेरिया से बचाव

मामूली सा मच्छर वास्तव में आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। मलेरिया, डेंगू जैसी जानलेवा बीमारियां मच्छरों के द्वारा ही प्रसारित हो रही हैं। 1994 में मणिपुर, राजस्थान आदि प्रदेशों में मलेरिया के कारण ही महामारी फैली थी और हजारों जानें गयी थीं।


भारत सरकार मच्छरों से फैल रहे रोगों पर सौ मिलियन से अधिक राशि खर्च कर रही है परन्तु फिर भी मलेरिया रोग बड़ी समस्या बना हुआ है।



क्या है मलेरिया:-


मलेरिया तीव्र बुखार की स्थिति है। यह सूक्ष्म जीव के संक्रमण के कारण होता है जिसे मलेरिया परजीवी कहते हैं। संक्रमित मादा मच्छरों के काटने से यह परजीवी मानव शरीर में पहुंच जाता है और 15 से 20 दिनों के भीतर स्वस्थ व्यक्ति को बुखार आ जाता है।


मलेरिया की प्रारम्भिक अवस्था में रोगी को तेज सर्दी लगती है और कंपकंपी के साथ सिरदर्द होता है। बाद में रोगी को तेज बुखार चढ़ता है तथा अत्यधिक प्यास लगती है। धीरे-धीरे पसीना आने के साथ-साथ बुखार घटता जाता है और गहरी नींद आती है। साथ ही रोगी को काफी कमजोरी महसूस होती है।


मलेरिया से नुकसान:-


मलेरिया में रोगी का शरीर कमजोर हो जाता है और रक्त की कमी हो जाती है। वजन घट जाता है। फेफड़ों में सूजन, पीलिया आदि रोग भी मलेरिया के प्रभाव से हो सकते हैं। मलेरिया से गर्भवती महिलाओं का गर्भपात हो सकता है।


प्रारम्भिक उपचार:-


यदि आपको कंपकंपी के साथ तेज बुखार आये तो नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर रक्त जांच कराकर तुरन्त उपचार लें। देश के प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र पर मलेरिया के उपचार की औषधियां उपलब्ध हैं। घरेलू उपचार के तौर पर रोजाना तुलसी की पत्तियों को चबाकर खाने से मलेरिया से बचा जा सकता है। मलेरिया में हल्का भोजन बेहतर रहता है। 



मलेरिया की प्रारम्भिक अवस्था में रोगी को तेज सर्दी लगती है और कंपकंपी के साथ सिरदर्द होता है। बाद में रोगी को तेज बुखार चढ़ता है तथा अत्यधिक प्यास लगती है। धीरे-धीरे पसीना आने के साथ-साथ बुखार घटता जाता है और गहरी नींद आती है। साथ ही रोगी को काफी कमजोरी महसूस होती है।



मलेरिया से बचाव :-


मच्छरों की संख्या बढ़ने के साथ ही मलेरिया का संक्रमण बढ़ेगा, अत: मच्छरों की रोकथाम आवश्यक है। मच्छरों के प्रजनन के लिए बारिश का मौसम सर्वाधिक अनुकूल है इसलिये मानसून के आते ही मच्छरों से बचने के उपाय कर लेने चाहिएं। पानी को खुले स्थानों पर इकट्ठा न होने दें। नालियों की साफ सफाई करते रहें और कूलर के पानी को हर सप्ताह बदलें। इससे मादा मच्छरों को अण्डे देने का आधार ही प्राप्त नहीं होगा। 


दरवाजों-खिड़कियों पर जाली लगवाकर मच्छरों को घर में प्रवेश करने से रोका जा सकता है। मच्छरों को दूर भगाने वाले उत्पाद मैट्स, कायल्स, क्रीम, लोशन आदि का इस्तेमाल भी करना चाहिए। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग सुरक्षित उपाय है। कीटनाशक दवाओं जैसे डी. डी. टी. आदि का छिड़काव मच्छरों की रोकथाम का कारगर उपाय है।