लोगों की सेवा करना है ध्येय : सरुपा तिवारी

जहां आज कोरोना का कहर भारत ही नहीं पूरे विश्व में मंडाराया हुआ हैं वहीं कुछ लोग इसका सामना करना लोगों की मदद भी करने में लगे हैं ऐसा ही एक नाम है नाम सरुपा तिवारी। जिन्होंने प्राथमिक शिक्षा झारखण्ड के रामगढ़ शहर से की है। ये एक सफल गृहणी है। इनके पति सिविल इंजीनियर हैं और वो सेंट्रल गवर्मेंट के नवोदय स्कूल का कंस्ट्रक्शन कराते हैं। आज ये जो भी कुछ बन पायी हैं अपने पति के सपोर्ट से ही कर पायी हैं। उन्हें की देन हैं।



ये बचपन से ही दूसरों की सहायता करना चाहती थी और इनका सपना एनजीओ के साथ पूरा हुआ। अभी इन्होंने जो भी किया वो बहुत कम है और ये भविष्य में एनजीओ चलाना चाहतीं हैं। सुरुपा श्रीमती पूर्वांचल, सावित्री फूले बाई सम्मान आदि से सुशोभित हो चुकी हैं। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले बच्चों के साथ अपने बेटे का जन्मदिन मनाने का अनुभव सबसे अच्छा रहा। इनका एक ही संदेश है लोगों के काम आते रहो क्योंकि कुदरत का एक उसूल है कि जिस कुएं से लोग पानी पीते रहें वो कभी नहीं सूखता। इसी सोच के साथ काम कर आगे की ओर निरंतर प्रयासरत हैं।