संतुलन हो तो जीवन में हर चीज पा सकते हो : डॉ.सुनीता खरालिया



कहते हैं जिंदगी में सफलता यूँ ही नहीं मिलती, किसी सफल इंसान से पूछो तो उसकी सफलता खुद ही बयां करेगी उसकी मेहनत और लगन को कि उसके जीवन में कितन परिश्रम किया है यहाँ तक आने में। ऐसा ही कुछ कर दिखाने में समर्थ रही हैं डॉ.सुनीता खरालिया। जी हाँ सुनीता जी अपने मेहनत लग्न से कॉस्मैटोलॉजी की डिग्री हासिल ही नहीं कि बल्कि अपनी फैशन और मॉडलिंग की दुनिया में भी अपना नाम रौशन किया है। एक कार्यक्रम के दौरान हुई उनसे मुलाकात पर आपकी सेहत पत्रिका के संपादक 'तरूण कुमार' ने बातचीत के प्रस्तुत हैं कुछ खास अंश :-


सबसे पहले आपसे हमारा सवाल है कि आपने अपने कैरियर की शुरूआत कहां से की?


मैंने अपने कैरियर की शुरूआत पुणे वीएलसीसी इंस्टीटयूट से की। शौक तो मेरा शादी से पहले का ही था पर कई बार ऐसा होता है कि माँ-पिताजी के पास रहकर जो नहीं कर पाते, वो पति करवा देते हैं। 8 जून, 2006 में शादी हुई, शादी के तुरंत बाद मेरे पति अनिल कुमार खरालिया ने वापिस पिथौरागढ़ डयूटी ज्वाइन कर ली, मेरे पति (अटउ) आर्मी मेडिकल केयर में हैं। एक महीने बाद ये वापिस घर आये, फिर समय निकलता गया, मेरे 2 बच्चे हुये आकाश खरालिया और अनुराग खरालिया। इसी बीच मैं कुछ ना कुछ करती रहती थी पर ज्यादा रूचि मुझे फैशन में ही थी, फिर एक बार वीएलसीसी की टीचर मेरे पति के पास ट्रीटमेंट के लिए गयी थी, उनके बीच कुछ बातचीत हुई। मुझे लेकर उन्होंने प्रेरणा दी कि आप उन्हें वीएलसीसी इंस्टीटयूट ज्वाइन करवाओ। बस फिर क्या था, टीचर के बोलने की ही देर थी, मैंने वीएलसीसी इंस्टीटयूट ज्वाइन कर लिया। मैं आज भी भारती मैडम का धन्यवाद करती हूँ, उन्होंने मुझे इस लाईन में खींचा। 


मेरे पति ने सपोर्ट किया सोचा था, बस छोटा सा कवरेज करवाऊंगी, जिससे एक सर्टिफिकेट मिले तो मैं अपना बिजनेस ओपन कर सकूंगी, परन्तु मैंने एक बार वीएलसीसी इंस्टीटयूट में कदम रखा तो फिर पीछे मुडकर नहीं देखा। थोड़ा-थोड़ा करते मैंने (एमआईसी) मास्टर इन कॉस्मैटेलॉजी कर लिया, थोड़ा कोर्स बच गया था, इसी बीच पुणे से मेरे पति की पोस्टिंग चंडीगढ़ हो गयी तो मैंने अपना कोर्स ट्रांसफर करवा लिया, बाकि बचा हुआ कोर्स चंडीगढ़ से किया। चंडीगढ़ से मैंने एमआईसी का सर्टिफिकेट हासिल किया। 



 


मैंने बहुत सारे प्रोजेक्ट जैसे की साउथ मूवी, बॉलीवुड मूवी, पंजाबी मूवी, पंजाबी वीडियो साँग्स, कमर्शियल ऐड, ईवेंट में प्रोफेशनल मेकअप आर्टिस्ट एण्ड हेयर ड्रेसर भी काम किया है। मैंने कई ट्रेनिंग सेंटरों में भी कोचिंग दी है जैसे कि अहहअ, कळइढ, ठॠड'र ी३ू. मेरा बहुत साल तक सैलीब्रिटी मेकअप आर्टिस्ट का भी अनुभव भी रहा है।  आज मेरा पंजाब व अन्य शहरों में बेस्ट कॉस्मेटोलॉजी की एक अच्छी छवि है। पर यहीं सब करते करते पता नहीं कब मैं एक एक्ट्रेस की भूमिका में आ गयी पता ही नहीं चला। आज मुझे इण्डस्ट्री में पूरे 7 साल हो गये हैं। पर अब मुझे एक आर्टिस्ट के रोल में लोग ज्यादा जानते हैं। पंजाब के साथ-साथ मैं जयपुर, नागपुर, दिल्ली, हैदराबाद, इंदौर आदि के लोग भी शूटिंग के लिये बुलाते रहते हैं। तो अब मैं ये कह सकती हूँ कि एक अच्छी कॉस्मेटोलॉजी होने के साथ-साथ मैं एक अच्छी आर्टिस्ट भी हूँ। मैं अपने आपको बहुत ही सौभाग्यशाली मानती हूँ कि मैं जम्मू-कश्मीर के एक छोटे शहर उधमपुर से हूँ।



आपकी प्राथमिक शिक्षा कहां से हुई और आपने किस मोड़ पर अपने जीवन का लक्ष्य तय किया?


मेरी शिक्षा शेरौन पब्लिक स्कूल उधमपुर से शुरू हुई जोकि जम्मू-कश्मीर में है। मैंने अपने जीवन का लक्ष्य शादी के बाद ही तय किया कि आखिरी मेरी रूचि किस प्रोफेशन में है और उसे पाने में मेरे पति ने पूरा सपोर्ट किया तभी मैं आज यहां तक पहुंच पायी हूँ।






आपकी सफलता और आज आप जिस मुकाम पर हैं उसने पाने के लिए आपने क्या किया और उसमें मुख्य भूमिका किसकी रही?


मेरी सफलता आज यह है कि आज मुझे देशभर में जाना जाता है। एक बेस्ट कॉस्मैटोलॉजी और एक बेहतरीन अदाकारा के रूप में। इस सफलता को पाने के लिये दिन-रात एक किया है। बच्चों को अपने से दूर रखा, कई परेशानियाँ आयीं, बिमारी भी होती थी पर फिर भी शूट पे जाना है तो जाना है। कई बार ऐसा भी होता है कि दिनभर कडकती धूप में या बर्फीली हवाओं में काम किया है। परिवार से दूर रही और पैकअप के बाद पैसे नहीं मिले, कई बार खुद ड्राइव करके जाओ, आधी-आधी अंधेरी रात में निकलना फिर शूट करना, उसके बाद भी अगर कोई ये कह दे - प्लीज मैडम नेक्स टाइम एडजेस्ट कर लेना, अभी बजट नहीं है। इसमें से कुछ अच्छे लोग आज भी मेरे साथ जुड़े हुए हैं जो शुरूआती दिनों से लेकर आज तक ना किसी का पैसा खाया है ना तंग किया है आज भी उनके साथ मैं काम कर रही हूँ। एक आर्टिस्ट के जीवन में सफलता पाना इतना आसान नहीं, जितना सामने वाले को लगता है, दिल जब दुखता है जब रोते हुए बच्चे को काम के लिए छोड़कर आना पड़ता है।




 


आज आप जिस मुकाम पर हैं और आज लोग आपको जानते हैं यह देख कर आपको कैसा महसूस होता है?


आज मैं एक ऐसे मुकाम पर हूँ जो मैंने कभी सोचा भी नहीं था, दिनरात मेरा काम बढ़ता ही जा रहा है, अभी तक मैं कुछ पंजाबी वीडियो सांग कर चुकी हूँ, वेब सीरियल, होटल गर्ल्स, तीन फिल्में साईन की हैं, कमर्शियल एड की हैं, जिसमें से - पराली न जलाओ, वाली टॉप चल रही है, प्रिंट शूट आदि। जब कोई मुझे सबके बीच आकर ये कहता है कि अरे आप तो सुनीता खरालिया हो ना मैंने आपका सांग्स और वीडियो में देखा है, प्लीज हमारे साथ एक फोटो क्लीक कराओ, तो बड़ा ही गर्व महसूस होता है। खुशी का ठिकाना नहीं रहता कि लोग मुझे जानते हैं। 


आपने आज तक अपने जीवन में जो तय किया और उसको पाने के लिए आपने दिन रात मेहनत की क्या अभी वह सपना अधूरा है?


जी बिल्कुल मैंने आज तक अपने जीवन में जो तय किया और उसको पाने के लिए मैंने दिनरात मेहनत की है, पर अभी भी मेरा सपना अधूरा है। क्योंकि जब तक मैं बॉलीवुड में बिग बैनर की मूवी नहीं कर लेती, तब तक मेरा सपना अधूरा ही रहेगा।




आपको आपके परिवार से सबसे ज्यादा सपोर्ट और सहयोग किनसे मिला?


मुझे मेरे परिवार में सबसे ज्यादा सपोर्ट मेरे पति अनिल कुमार खरालिया, मेरी सास, सरोज खरालिया, मेरे ससुर श्याम लाल खरालिया तथा मेरे बच्चों से आकाश खरालिया, अनुराग खरालिया से मिला। मेरे पति आर्मी हॉस्पीटल में अपने भूमिका को निभाने के साथ-साथ मेरी गैरमौजूदगी में घर को भी संभालते हैं, मेरी कमी का कभी एहसास नहीं होने देते। दुनिया की फालतू बातों को मेरे सास-ससुर ने दरकिनार तो किया ही साथ ही मेरे खिलाफ उटती गैरसामाजिक बातों को मुंहतोड़ जवाब भी दिया और हमेशा मेरी ढाल बने रहे। सास-ससुर कहते हैं कि सभी को जीवन में आगे बढ़ने का हक है, यदि सुनीता में टैलेंट है तो इसमें कोई बुराई नहीं है वो भी जीवन में सफलता हासिल कर सकती है।


आपके जीवन के रोल मॉडल कौन है तथा आप किस फिल्म स्टार की तरह बनना चाहती हैं?


मेरे जीवन के रोल मॉडल मेरे पति ही है, मैं फिल्म स्टार विद्या बालन की तरह बनना चाहती हूँ। अभी तक मैंने जितने भी कार्य किये हैं उनमें से सबसे अच्छा और बेस्ट कार्य वेब सीरियल है हॉस्टल गर्ल्स जिसके लिए मैं नीरज जी का धन्यवाद करना चाहती हूँ जोकि मुझे इसमें कार्य करने का सौभाग्य दिया। मुझे सबसे बेहतरीन अनुभव भी इसी में मिला, इसी से मुझे अच्छे-बुरे की परख भी हुई। इसी में मुझे भरा पूरा परिवार मिला अंकित सूर्यवंशी और उजाला बाबोरिया के रूप में।




आप आने वाली पीढ़ी को कोई ऐसा संदेश देना चाहेंगी जिनसे वह प्रेरित हो सके।


जी हाँ, मैं आने वाली पीढ़ी को यही संदेश देना चाहती हूँ कि जिंदगी बहुत ही छोटी सी है। इस जिंदगी में आप जो-जो कर सकते हैं वो कीजिये और करने दीजिये, ताकि सब अपने-अपने सपने पूर कर सकें पर आपसी समझ बहुत ही जरूरी है। संतुलन अगर जिंदगी में हो तो आप हर चीज पा सकते हैं, बस भरोसा कभी ना तोड़ना, किसी की भी खास कर अपने पति का। फिर देखना आपको हर वो ऊँचाई मिलेगी जिसकी आपने कामना की हो।