ऊनी कपड़ों की देखभाल


सर्दियां चाहे आने वाली हों या जाने वाली या सर्दियां पूरे जोरों पर हों, ऊनी कपड़ों की अलमारियों में जगह अपने आप हो जाती है। ऊनी कपड़ों की देखरेख अन्य कपड़ों की अपेक्षा ज्यादा जरूरी है। जरा सी लापरवाही से ऊनी कपड़े सिकुड़ सकते हैं, उनका रंग उड़ सकता है या उनमें कीड़े हो सकते हैं। इसलिये उनकी देखभाल करना बेहद जरूरी है जिनके लिए निम्न तरीके अपनाए जा सकते हैं:-



  • ऊनी कपड़ों को आम डिटरजेंट में नहीं धोना चाहिए। उन्हें सिर्फ ऊनी कपड़ों के डिटरजेंट में ही धोना चाहिए जैसे ईजी आदि।

  • ऊनी कपड़ों को हमेशा हल्के हाथों से मलें। सख्त हाथों से ऊनी कपड़े न मलें। इससे उनमें रोएं हो जाते हैं।

  • ऊनी कपड़ों को भूलकर भी ब्रश से न रगड़ें। इससे उनकी ऊन खराब होने का डर रहता है।




  • ऊनी वस्त्र साधारण वाशिंग मशीन में न धोएं। इन्हें विशेष प्रकार की मशीन में धोया जाता है।

  • ऊनी वस्त्रों को भूलकर भी हैंगर या तार पर लटकाकर नहीं सुखाना चाहिए। इससे उनकी ऊन खिंचने का डर रहता है तथा उनका आकार भी खराब हो जाता है।

  • ऊनी कपड़ों को लकड़ी की टेबल आदि पर बिछाकर सुखाना चाहिए जिससे उनकी आकृति भंग न हो और उनकी तारें न खिंचें।

  • ऊनी  कपड़े धोने से पूर्व यह चैक कर लें कि कहीं उनका रंग तो नहीं निकलता। जिस ऊनी कपड़े का रंग निकलता हो, उसे अलग से धोएं।

  • ऊनी कपड़ों को धोने के बाद सख्त हाथों से न निचोड़े। उन्हें हल्के हाथों से दबाएं जिससे उनका थोड़ा-बहुत पानी भी निकल जाये और उनकी ऊन खराब भी न हो।

  • ऊनी कपड़ों पर सीधे ही प्रेस  करें। उन पर कोई सूती कपड़ा डालकर ही प्रेस करें।

  • प्रेस को हल्की गरम करके ही ऊनी कपड़ों पर प्रेस करें।

  • ऊनी कपड़ों से चिकनाई वगैरह का दाग हटाने के लिए दाग को दही से रगड़ें। उसके बाद उस ऊनी कपड़ों पर प्रेस करें।

  • ऊनी कपड़ों को जिस अलमारी या शेल्फ में रखें, उसमें कपूर गोलियां (नेफ्थेलीन की गोलियां) डाल दें। इससे उनमें कीड़े नहीं लगेंगे।

  • ऊनी कपड़ों को सलीके के साथ अलमारी आदि में बन्द करें जिससे अगले वर्ष उनकी उपेक्षा न हो। 

  • ऊनी वस्त्रों को पैक करके रखना चाहिए वरना अन्य कपड़ों के साथ पडे़-पड़े वे अगले वर्ष तक पहनने लायक नहीं रहेंगे।