मेहंदी के बिना बात नहीं बनती


हमारी भारतीय संस्कृति मंे परंपरागत सौंदर्य प्रसाधन के रूप में मेहंदी का प्रयोग सदियों से होता आ रहा है। शादी-ब्याह का समय हो या अन्य कोई मांगलिक कार्य, मेहंदी हर जगह अपना रंग बिखेरती ही है। मेहंदी केवल सौंदर्य प्रसाधन ही नहीं है अपितु एक उत्तम औषधि भी है। 



पाँवों में पाज़ेब, माथे पर बिंदिया, आंखों में काजल हो और हाथों पर मेहंदी न हो तो नारी के सोलह श्रृंगार पूरे नहीं होते। मेहंदी को प्रेम और सुहाग का प्रतीक भी माना जाता है। इसका प्रयोग यूं तो बारहों महीने किया जाता है परन्तु अवसर विशेष पर तो इसके बिना  बात बनती ही नहीं है।




मेहंदी की भीनी-भीनी सुगंध प्रत्येक युवती के मन में चाहे वह ग्रामीण बाला हो या नगर महानगरों में रहने वाली पढ़ी-लिखी अप-टू-डेट लड़की हो, कुछ इस तरह रच-बस जाती है मानों मेहंदी के बिना उसका श्रृंगार अधूरा हो।
मेहंदी रचाना कोई अधिक मुश्किल काम नहीं है। थोड़े हुनर एवं लगन से अच्छी मेहंदी लगायी जा सकती है। बहुत-सी महिलाएं मेहंदी के पत्तों को पीस कर प्रयोग में लाती हैं जिससे कोई खास डिजाइन नहीं बन पाता और हाथों पर लगाने में भी परेशानी होती है।



मेहंदी लगाने के लिए बहुत कम वस्तुओं की आवश्यकता पड़ती है। इसके लिए मेहंदी का पाउडर, नीलगिरी या मेहंदी का तेल, नायलाॅन या आॅरगन्डी  का कपड़ा, नींबू, चीनी (शक्कर) पानी, मोटी पन्नी (कोण बनाने के लिए) कैंची एवं चिपकनेे वाले टेप की आवश्यकता पड़ती है।
इन सामग्रियों को तैयार कर लेने के बाद यह तय कर लेना आवश्यक है कि मेहंदी दोनों हाथ तथा पांवों पर लगानी है या सिर्फ हाथों पर या पांवों पर। वैसे एक हथेली के लिए लगभग तीन-साढ़े तीन चाय चम्मच मेहंदी लगती है। इसी अनुपात में मेहंदी लेनी चाहिए।



मेहंदी लगाने के लिए सर्वप्रथम इसके पाॅउडर को बतायी गयी मात्रा के अनुसार कपड़े में अच्छी तरह छानकर चीनी मिट्टी के बर्तन में रख लें। फिर उसमें अंदाज से थोड़ा मेहंदी का तेल, पानी या मेहंदी की पत्तियों का रस डालकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। अगर मेहंदी का तेल उपलब्ध न हो तो इसमें  चाय का पानी डाल लें। 



मेहंदी को लसलसा बनाने के लिए इसमें थोड़ी चीनी (शक्कर) डाल लेनी चाहिए क्योंकि इससे मेहंदी हाथों पर अधिक जमती है। जब पेस्ट तैयार हो जाये, तब उसे कोन में भरकर इसके ऊपरी हिस्से को सेलोटेप से अच्छी तरह चिपका कर बंद कर लें ताकि ऊपर से मेहंदी निकलकर आपकी हथेलियों में न लगे और बर्बाद न हो। 




कोन बनाना भी बहुत आसान है। अक्सर देखा जाता है कोन बनाने के लिए चैकोर प्लास्टिक में मेहंदी पेस्ट डालकर रबर-बैंड लगा दिया जाता है जो ठीक तरीका नहीं है। मेहंदी के पैकेट के साथ जो कोन आता है वह भी कुछ ठीक नहीं रहता। इसलिए किसी चैकोर प्लास्टिक को मूंगफली की पुड़ियों की तरह मोड़कर दो-तीन जगह सेलोटेप लगा दें।
इस प्रकार कोन बनाने के बाद ऊपर से पेस्ट रख दें। पेस्ट रखने के बाद उसे ऊपर से ही दो-तीन फोल्ड करते हुए दोनों बगल (किनारे पर) फोल्ड कर टेप लगा दें। इसके बाद सुई या आलपिन से नीचे छेद बना लें। इसका ध्यान अवश्य रखें कि छेद जितना बारीक होगा, मेहंदी उतनी ही रूचिपूर्ण लगेगी। जब कोन तैयार हो जाये, तब उसमें मेहंदी का पेस्ट भरकर अलग रख लें।



अब एक कटोरी में चीनी, पानी और नींबू का मिश्रण बना लें। जब मिश्रण बन जाये, तब हथेलियों को साबुन के पानी से साफ कर पोंछ लें और मेहंदी का तेल लगायें। फिर मनचाही आकृतियां, बेल-बूटे वाली डिजाइनों में मेहंदी लगायें। सूखने के बाद (लगाने के कम से तीन घंटे बाद) उसे साफ करके अरन्डी या नारियल का तेल हथेलियों पर लगा लें। आपकी हथेलियों की सुन्दरता देखते ही बनेंगी।



चिकित्सा विज्ञान के अनेक ग्रंथों में मेहंदी के औषधीय गुणों का भी उल्लेख मिलता है। मेहंदी के औषधीय महत्त्व के विषय में भी जान लेना आवश्यक है। 



  • चर्मरोगों और हाथ-पाँव की जलन में मेहंदी का लेप बहुत फायदेमंद होता है। मेहंदी के पत्तों को पानी में अच्छी तरह उबालने के बाद जो मेहंदी का काढ़ा तैयार होता है, उससे फोड़े-फुंसियों को धोने पर बहुत आराम मिलता है। शरीर के किसी जले हुए स्थान पर मेहंदी का लेप बहुत आराम पहुंचाता है। 

  • पैरों की बिवाइयों को और हाथ-पैर के खुरदरेपन को चिकना करने में मेहंदी का लेप सहायक होता है। मेहंदी को बारीक पीसकर उसमें ग्लिस्रीन मिलाकर रात को साते समय पांवों की बिवाइयों में लगाने से राहत मिलती है। 

  • पानी में लगातार काम करते रहने से हाथ-पैर की उंगलियों के बीच की चमड़ी गलने लगती है और इस पर घाव भी हो जाता है। इस स्थान पर मेहंदी को पीसकर लगाते रहने से बहुत लाभ होता है।

  • मुंह में छाले हो जाने पर मेहंदी के पत्तों का काढ़ा बनाकर कुल्ली करने से छाले हट जाते हैं। इससे दांत के दर्द में भी राहत मिलती है।

  • उच्च रक्तचाप के रोगियों को पैरों के तलुवों और हथेलियों पर मेहंदी का लेप लगाना लाभदायक होता है।

  • बालों को झड़ने से रोकने, उनमें चमक लाने और उनको काला करने के लिए भी मेहंदी प्रयोग में लायी जाती है। पिसी मेहंदी को नारियल तेल में डालकर आठ-दस दिनों तक धूप में रखें। फिर उसे छान कर प्रतिदिन बालों में लगायें। ऐसा करने से बालों का झड़ना कम हो जाता है तथा सफेद बाल काले होने लगते हैं। इससे बालों में चमक भी आ जाती है।

  • पिसी मेहंदी एक कप, नींबू का रस, दही, आंवलाचूर्ण एवं ब्राह्मी चूर्ण को (सभी एक-एक चम्मच) मिलाकर उसका पेस्ट बना लें। इसे बालों में लगाने से बाल काले होते हैं।