जीवन एक संघर्ष है, मैंने इसे हस्ते हुए जिया है : मीना कुमारी




बचपन से ही मै कुछ नया और सबसे अलग करना चाहती थी पर मैं जिस परिवेश में थी वहां कुछ अलग करना बहुत आसान नहीं था। पढ़ाई के अलावा मुझे खेलकूद में भाग लेना अच्छा लगता था, साथ ही मुझे पेंटिंग का भी शौक था। मुझे बचपन से ही सजना-संवरना अच्छा लगता था।  बड़ी हुई तो चीजों को समझने लगी और जीवन को एक नई शुरूआत के साथ जीने लगी। इसी दौरान मुझे सौन्दर्य प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर प्राप्त हुआ द मिस हाफलोंग-1996 जिसमें मैं टॉप टेन की श्रेणी में आयी। तब शिलांग से एक पत्रिका में कवर गर्ल लिया भी गया। नयें लोगों से मिलने का मौका मिला और कई जाने माने लोगों के संपर्क में आईं। सन 2004 में मैं कोलकाता अपने दीदी के घर गई वहां मैंने ब्यूटी पार्लर का कोर्स किया।





घर वालों के सहयोग से अपना एक पार्लर खोला। जिसमें लड़कियों को प्रशिक्षण देना सर्विस देना शुरू कर दिया। पार्लर अच्छा चल निकला। सब ठीक ठाक चलता रहा, पर मेरे अंदर एक अलग तरह की बेचैनी थी क्योंकि मैं जो कुछ करना चाहती थी वह हमारे शहर में संभव नहीं हो सकता था। छोटे-मोटे मॉडलिंग करती और पार्लर चलाती रही। समय बीतता चला गया और सभी लडकियों की तरह मैं भी विवाह के बंधन में बंध गयी। उसके बाद 2017 में मेरे पति ने मुझे बताए बिना एक सौन्दर्य प्रतियोगिता में मेरा नाम दर्ज करवाया।  फिर एक दिन मेरे पति ने कहा कि मै दिल्ली जाऊँ। वहां उन्होंने मेरा नाम राष्ट्रीय स्तर के सौन्दर्य प्रतियोगिता में दर्ज करवाया है और यहां से मेरा कैरियर शुरू हो गयी। 




मेरी सफलता के पीछे मेरे परिवार के सभी सदस्यों का सहयोग था और सबसे ज्यादा मेरे पति का, उनके बिना मै आज इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाती। अच्छा लगता है जब कोई कहता है वो देखो मिसेज इंडिया होम मेकर की मीना जा रही है, तब मुझे एक लड़की होने पर गर्व होता है। हां हम इंसान को भगवान ने जितना दिया है उस पर खुश रहना अच्छी बात है पर फिर भी और आगे जाने की  कोशिश करती हूं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने की। मिसेज इंडिया होम मेकर 2018 ईस्ट जोन विनर का खिताब पाने में कई लोगो का हाथ है मै उन सभी लोगों का तहे दिल से धन्यवाद देना चाहती हूं।



माधुरी दीक्षित मेरी फेवरेट एक्ट्रेस है इसका कारण वे एक अच्छी सरल स्वभाव वाली अभिनेत्री होने साथ-साथ एक अच्छी नृत्यांगना भी है। मिसेज इंडिया होम मेकर शो की डायरेक्टर ऐज्यानाज जोशी मेम की शुक्रगुजार हूं मुझे उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला साथ ही इतना बड़ा प्लेटफार्म दिया जिसका मैं उन्हें बहुत धन्यवाद देती हूँ। आने वाली पीढ़ी के लिए मै इतना ही कहूंगी कि जिÞन्दगी में हम सभी को एक लक्ष्य रखना चाहिए और उसको पूरा करने के लिए हमेशा लगन के साथ मेहनत करना चाहता। फिर एक ऐसा समय आयेगा जब मंजिÞल आपके पास आकर दस्तक देगी। अन्तत: अपने लक्ष्य से प्रेम करो और इसे अपनी जिÞन्दगी बनालो।