उन्नति और सफलता अपने ही हाथों में है: दन्त चिकित्सक डॉ. मोहित शर्मा


साफ व सुंदर दांत एक स्वस्थ व्यक्ति की पहचान होते हैं। साथ ही हमारे व्यक्तित्व को आकर्षक भी बनाते हैं। अपने मुंह के इस बेहद जरूरी हिस्से पर हम अक्सर कम ध्यान देते हैं। या यूं कहें कि जब तक दांतों में कोई तकलीफ ना हो, हम डेंटिस्ट के पास नहीं जाते। आज का खान-पान और वातावरण ऐसा है कि छोटे बच्चों के दांत भी अपनी चमक और शक्ति खो रहे हैं। पहले दांतों में ज्यादा सड़न आ जाती थी तो उसे उखाड़ना ही पड़ता था, जिससे बच्चों की आंखों की रोशनी भी प्रभावित होती थी, लेकिन अब आप आपने कैविटि से खराब हुए दांतों को भी बचा सकते हैं। ऐसी ही खास शख्सियतों से आज हम 'आपकी सेहत' के पाठकों के लिए लेकर आये हैं। जी हाँ हम ज्वाला नगर चौक पर स्थित (एम.आर.क्लीनिक) डॉ. मोहित शर्मा जोकि दन्त विशेषज्ञ हैं तो हैं ही, साथ ही बहुत कम दामों पर अपने सुविधायें लोगों को उपलब्ध कराये रहे हैं। डॉ.मोहित शर्मा जी ने बी.डी.एस. की डिग्री हासिल कर Indian Aesthetic & Restorative Dentistry८ और Indian Dental Association जैसी नामी संस्थाओं की सदस्यता ली और पदभार भी संभाला।




गुरूतेग बहादुर हास्पीटल यूनिवर्सिटी कॉलेज एण्ड मेडिकल सार्इंस में दन्त शल्य चिकित्सक भी रह चुके हैं साथ ही साथ हिमाचल प्रदेश के हिमाचल डेंटल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल सुंदर नगर में व्याख्याता (लेक्चर्र) भी रहे हैं। आईये हम जानेंगे उनकी कहानी उन्हीं की जुबानी।



डॉ. शर्मा जी सबसे पहले हमारा सवाल है कि आपने अपनी प्राथमिक शिक्षा कहां से प्राप्त की?


मैंने अपनी प्राथमिक शिक्षा भारतीय विद्या भवन, कर्जन रोड, दिल्ली से की। उसके पश्चात, डीएवी डेंटल कॉलेज, यमुना नगर से मैंने अपनी बी.डी.एस. की डिग्री हासिल की।



डॉ. शर्मा जी आपने अपने इस डेन्टिस्ट प्रोफेशन को ही क्यों चुना?


मैं बचपन से ही एक डॉक्टर बनना चाहता था। 12वीं कक्षा में बहुत अच्छे अंक आने के कारण मुझे कई अच्छी इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी एडमिशन मिल रहा था मगर मैंने डेंटिस्ट प्रोफेशन ही चुना क्योंकि यह प्रोफेशन मेरे मन को भा गया था।


आज आप एक जाने-माने दांतों के विशेषज्ञ हैं यहां तक पहुंचने आपने किन परिस्थितियों का सामना किया?


एक दन्त चिकित्सक को अपना क्लीनिक सैट करने में सालों साल लग जाते हैं। शुरूआत में क्लीनिक खोलने में काफी इंवेस्टमेंट लग जाती है और रिटर्न्स मिलने में तो सालों साल। बहुत सी मुश्किलें आर्इं लेकिन हमेशा सच्चे मन से काम किया और लग्न के साथ अपने स्किल्स को बढ़ाते हुए चलते रहे और इस मुकाम तक पहुंच गये।


आज आप इस मुकाम पर हैं यहां पर पहुंचाने में आपका सहयोग किनका रहा?


इस मुकाम तक पहुंचने में मुझे अपने पूरे परिवार का सहयोग रहा। माता-पिता ने सदा मुझे प्रोत्साहित किया और उनका आशीर्वाद सदा मेरे साथ है। मेरे अर्द्धांगिनी (डॉ.आस्था शर्मा) भी एक दन्त चिकित्सक हैं, हम दोनों ने सदा एक-दूसरे के सहयोग से ही काम किया और इस मुकाम तक पहुंचे।



 


डॉ. शर्मा जी आप दशकों से लोगों की सेवा में लगे हैं आपको किन-किन सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है?


मैं आईडीए ईस्ट दिल्ली का प्रेसीडेंट एवं आईडीए दिल्ली स्टेट का वाईस प्रेसीडेंट रह चुका हूँ। आजकल मैं आईडीए ईस्ट दिल्ली का कोषाध्यक्ष हूँ, मुझे बहुत से सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। आॅल इंडिया लेवल पर मुझे बेस्ट प्रेजीडेंट लोकन ब्रांच का पुरस्कार मिला है।


डॉ. शर्मा जी अब तक आपके किये गये कार्यों में से सबसे बेस्ट अनुभव कृपया हमारे पाठकों को बतायें?


मैं यह मानता हूँ कि हमारे प्रोफेशन का अहम कार्य है एक मरीज को दर्द से आराम पहुंचाना और दन्त चिकित्सा से उन्हें लाभ पहुंचाना। इसलिए जब भी मेरा कोई भी मरीज मेरी दन्त चिकित्सा से सहमत और खुश होता है, मैं ऐसे ही सुखद अनुभवों को ही अपना बेस्ट अनुभव मानता हूँ।


आपके जीवन के रोल मॉडल कौन है तथा आप किनको अपना आदर्शन मानती हैं?


मैं अपना रोल मॉडल अपने दादाजी स्वर्गीय श्री महंगाराम को मानता हूँ, जो अपने समय में शाहदरा के एक बहुत ही नामी चिकित्सक थे, उन्हीं के कार्यों को देख मुझे एक चिकित्सक बनने की प्रेरणा मिली।


लोगों को अक्सर दांतों में आम बीमारी कौन सी होती है और उन्हें क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिये?


दांतों में कैविटी होना (कीड़ा लगना), मसूड़ों में पायरिया लग जाना, दांतों पर गन्द जम जाना, कुछ दांतों की आम बीमारियां हैं।
सबसे जरूरी है रोज दांतों को दो बार (सुबह और रात) ब्रश करना, मीठा कम खाना और दांतों का साल में एक बार दंत चिकित्सक से चैकअप जरूर कराना।



डॉ. शर्मा जी क्या आप अपने सेवायें उन गरीब लोगों को लिए भी देते हैं जिनके पास देने के लिए पैसे भी नहीं होते।


हाँ जरूर! हमने क्लीनिक पर कई बार फ्री चेक अप कैंप रखे हैं। आर्य समाज में भी हमने कई बार फ्री कैम्प लगाये हैं। इसके अलावा, हम बहुत सी एनजीओ से भी जुडे हुये हैं।


डॉ. शर्मा जी आप आने वाली पीढ़ी को कोई ऐसा संदेश देना चाहेंगी जिनसे वह प्रेरित हो सके।


आने वाली पीढ़ियों के लिए मेरा यही संदेश है कि आप जो भी प्रोफेशन चुनते हैं, उसमें पूरी ईमानदारी, लग्न और परिश्रम से जुटे रहिये और आपको सफलता अवश्य हासिल होगी। अपने काम को इन्जॉय कीजिये और समय-समय पर समाज सेवा भी कीजिये। आपकी उन्नति और सफलता आपके अपने हाथों में है।