मेरा काम ही मेरा सबसे बड़ा शौक है : कनिका प्रताप



'हम अपने पाठकों के लिए एक ऐसी शख्सियत को लेकर आयें हैं जिन्होंने मॉडलिंग और फैशन की दुनिया में नाम कमाया है और जिनका चेहरा आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं 'कनिका प्रताप' की। एक भेंटवार्ता के दौरान 'आपकी सेहत' पत्रिका के वरिष्ठ पत्रकार उपसंपादक गौरव जैन ने 'कनिका प्रताप' से साक्षात्कार किया। प्रस्तुत हैं
साक्षात्कार के कुछ विशेष अंश :-'


बातचीत शुरू करने से पहले हम चाहेंगे कि आप हमें अपने बारे में कुछ बताएं?


मैं एक खुशमिजाज और उत्साही महिला हूं और जिंदगी के प्रति हमेशा एक सकारात्मक सोच के साथ  रहती हूँ। मैं निर्धारित लक्ष्य को पाए बिना  रुकने या मोड़ने में विश्वास कतई नहीं रखती। मेरा मानना है कि कभी किसी काम को अधूरे मन से ना कीजिए और हमेशा अपना सबसे अच्छा प्रयास कीजिए।  इस विश्वास के कारण ही मैं नॉन इंडस्ट्री की होकर भी इस इंडस्ट्री में अपनी एक जगह और मुकाम बना पाई।  अपना एक्टिंग और मॉडलिंग करियर शुरू करने से पहले मैंने सिंबोसिस पुणे से एमबीए किया और कुछ मल्टीनेशनल कंपनियों में काम भी किया। उस वक्त भी मैं अपना काम इतने ही उत्साह और संजीदगी के साथ करती थी जितना कि मैं आज अपने एक्टिंग करियर में करती हूं।


आपका पहला असाइनमेंट कौन सा रहा? आपने डेब्यू कौन से प्रोजेक्ट से किया?


मेरा एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में डेब्यू एमटीवी चैनल के एक खास प्रोग्राम से हुआ था। बॉलीवुड फिल्मों में मेरा डेब्यू द्विभाषी फिल्म "मी टू", जो कि हिंदी और तमिल दोनों भाषाओं में बनाई जा रही है, से कर रही हूं। लेकिन इस इंडस्ट्री की सबसे खास बात यह है कि हर रोज आप एक नया किरदार पर्दे पर लेकर आते हैं और रोज आप एक नई शुरूआत दोबारा करते हैं।


अभी तक आपके कैरियर में सबसे बड़ी उपलब्धियां कौन सी रही है और आपको कौन-कौन से सामानों से सम्मानित किया गया है?




मैंने अभी तक 3 बॉलीवुड फिल्मों में काम किया है और उसके अलावा जीटीवी के एक बेहद लोकप्रिय सीरियल में एक अहम भूमिका  निभाई है।  मैंने कई बड़े प्रोडक्ट्स के विज्ञापनों में भी काम किया है जैसे कि ऐमेजॉन, अवेल्स, फेसबुक, करियर लॉन्चर, जेके पेपर, केश वाहिनी और रिफ्रेश मैट्रेस।  मैंने भारत सरकार की कई लोकसेवा संदेश शॉर्ट फिल्म और विज्ञापनों में भी काम किया है जैसे कि स्वच्छ भारत अभियान। अभी हाल ही में मेरी एक शॉर्ट फिल्म "हिंदी है हम" को दिल्ली फिल्म फेस्टिवल की शॉर्ट फिल्म केटेगरी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए नामांकित किया गया है। परंतु सच्चाई यह भी है कि मैं अपने शुरूआती दिनों के कॉपोर्रेट करियर और अपने परिवार के प्रति निभाई गई जिम्मेदारियों पर भी उतना ही गर्व महसूस करती हूं जितना कि मैं अपने एक्टिंग करियर पर महसूस करती हूं।
मेरे प्रमुख पुरस्कार और उपलब्धियों में लगातार 2 सालों से 2018 और 2019 में इंटरनेशनल वूमेंस डे के अवसर पर आर्ट और कल्चर में योगदान देने के लिए पुरस्कृत होने को मैं बहुत महत्व देती हूं।  इसके अलावा लोकप्रिय दैनिक अमर उजाला की मैगजीन रुपायन के प्रमुख पन्ने पर भी मैं फीचर हुई हूं।


हमने आपको स्क्रीन पर देखा है और आप की अदाकारी की प्रशंसा हमेशा की है लेकिन हम जानना चाहेंगे कि आप अपनी निजी जिंदगी में कैसी हैं?


जैसे कि मैंने पहले कहा मेरा व्यक्तित्व हमेशा से ही बहुत उत्साही रहा है। मैं जिस काम को भी पकड़ती हूं उसे बहुत शिद्दत और जुनून के साथ पूरा करने में विश्वास रखती हूं। मेरा मानना है कि आपका एकलौता कंप्टीशन सिर्फ अपने आप से होता है इसलिए बहुत जरूरी है कि आप पूरी एकाग्रता के साथ काम करते रहे और अपने लक्ष्य को अपनी नजरों से कभी ओझल ना होने दें। मुझे छोटी-छोटी चीजों पर और छोटी-छोटी खुशियों में इंजॉय करना अच्छा लगता है और मैं अपने परिवार से इमोशनली बहुत ही जुड़ी हुई हूं। म्यूजिक सुनना, डांस करना और बारिश का मौसम, यह तीन ऐसी चीजें हैं जो कि मुझे बुरे से बुरे मूड में भी खुशी दे देती हैं।


आपको आपके परिवार में सबसे ज्यादा सहयोग और सपोर्ट किससे मिला?


परिवार के सहयोग के बिना आप कभी कोई मुकाम हासिल नहीं कर सकते और मुझे भी मेरे परिवार से हमेशा ही सहयोग और प्रोत्साहन मिला है। चाहे वह पहले एमबीए करने के लिए पुणे जाने का फैसला या फिर बाद में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में आने का फैसला, मेरा परिवार हमेशा मेरे साथ खड़ा रहा है। मेरे मम्मी पापा, मेरे हस्बैंड और मेरी बहन सभी ने मुझे हमेशा बहुत प्रोत्साहित किया है और यह लोग ही हैं जिनके में सबसे करीब हूं और अपना हर दुख सुख इनके साथ बांटती हूं। लेकिन यह भी बहुत जरूरी है कि आप अपनी प्रोफेशनल जिम्मेदारियां और पर्सनल जिम्मेदारियों के बीच में हमेशा एक संतुलन बनाकर रखें



अपने फ्री टाइम में आप क्या करना पसंद करती हैं? आपके क्या-क्या शौक है?


वैसे तो मेरा काम ही मेरा सबसे बड़ा शौक है लेकिन मुझे नृत्य, संगीत, खासकर की रोमांटिक गाने और गजल सुनना, खाना बनाना, नई नई जगह घूमना और अपने परिवार के साथ वक्त बिताना बहुत ही अच्छा लगता है। वैसे मुझे ज्यादा शोर-शराबे वाली जगह पसंद नहीं आती और शांत वातावरण में रिलैक्स करना पसंद है।


आपका रोल मॉडल कौन रहा है और आप किस व्यक्ति से सबसे ज्यादा प्रेरित हुई है?


वैसे तो एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में और इसके बाहर भी कई व्यक्तित्व है जो आपको प्रेरणा देते हैं, लेकिन मेरी पसंदीदा हमेशा रेखा जी रही हैं। मैं हमेशा से ही उनकी अदाकारी की बहुत बड़ी प्रशंसक रही हूं। बचपन से ही उन्हें फॉलो करती थी। उनकी अदाकारी, उनका ग्रेस, उनका कॉन्फिडेंस जितना बोले उतना कम है। लेकिन मेरा मानना यह भी है कि हमें अपने आसपास के हर व्यक्ति से उनके पॉजिटिव प्वाइंट्स उठाने चाहिए और उन्हें अपनी जिंदगी में इस्तेमाल करना चाहिए।


आप अपने फैंस और आने वाली पीढ़ी को क्या संदेश देना चाहेंगी जिससे कि वह प्रेरित हो सकें?


मैं यही कहना चाहूँगी के हिम्मत रखें, अपने सपनों में विश्वास रखें, अपने काम के प्रति सच्चाई रखें, कभी शॉर्टकट्स में विश्वास ना करें और अपने कल को आज से बेहतर बनाने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे और सबसे ऊपर ईश्वर में हमेशा विश्वास रखें। हमें याद रखना चाहिए कि जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आते रहेंगे, इसलिए अपने कदम हमेशा जमीन पर रखें और अपने विश्वास को कभी डगमगाने ना दे। विफलता से कभी अपने मनोबल को डगमगाने ना दे बल्कि उस से सीखे और आगे बढ़ते रहे।  काम हमेशा शिद्दत के साथ करो, मंजिलें खुद-ब-खुद मिलती रहेंगी।




 


आपने इस फील्ड में अपना करियर बनाने के बारे में क्यों सोचा? अगर आप एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में ना होते तो क्या कर रहे होते?


स्कूल के दिनों से ही मैं थिएटर और ड्रामा में रुचि रखती थी लेकिन पढ़ाई के चलते इसके बारे में एक करियर के तरीके से कभी सोचा नहीं था। सिंबोसिस पुणे से अपनी एमबीए पूरे करने के पश्चात मेरा कॉपोर्रेट वर्ल्ड में एक सफल करियर कुछ सालों तक रहा। बाद में पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते मुझे कुछ समय का ब्रेक लेना पड़ा। इस दौरान मुझे थिएटर और ड्रामा में अपनी पुरानी रूचि को आगे बढ़ाने का दोबारा मौका मिला। शौकिया तरीके से शुरूआत करने के बाद धीरे-धीरे एक एक सीढ़ी चढ़ने के बाद आज मैं यहां तक हूं। आज मुझे लगता है कि शायद यही मेरी ट्रू कॉलिंग थी। अगर मैं एक्टिंग की फील्ड में ना भी होती तो भी कुछ और रचनात्मक कार्य ही कर रही होती।



अपने व्यक्तित्व को एक वाक्य में आप कैसे बताएंगी?


मैं एक ऐसी व्यक्तित्व की स्वामी हूं जो कभी भी अपनी नाकामी से हताश या निराश नहीं होती बल्कि उससे सीख लेकर एक नए उत्साह के साथ आगे बढ़ती है और इस दुनिया की सच्चाई और अच्छाई में पूरे दिल से विश्वास रखती हूं।