महिलाओं को झांसी की रानी की तरह रहना चाहिये : महापौर अंजू कमलकात



आज महिलायें हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं चाहे वो क्षेत्र एजूकेशन का हो, शासकीय हो या राजनीति का हो, हर क्षेत्र में महिलायें आगे निकलकर आ रही हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैं जिनसे बहुत कम उम्र में ही पूर्वी दिल्ली की निगम सीट ही नहीं जीती अपितु उन्होंने पूर्वी दिल्ली के महापौर का भी पदभार संभाला है। वैसे तो महापौर के पद को तो कांटो भरा ताज माना जाता है मगर इस पद को बखूबी संभाल रही हैं अंजू कमलकात। 'आपकी सेहत' पत्रिका के उपसंपादक गौरव जैन ने उनसे खास मुलाकात कर कुछ प्रमुख सवाल किये, प्रस्तुत हैं कुछ प्रमुख अंश :-


अंजू कमलकांत जी आज आप पूर्वी दिल्ली की मेयर हैं आप इस पद पर आकर कैसा महसूस कर रही है।


इस पद पर आकर मैं अपने आपको भाग्यशाली समझती हूँ कि मुझे इस जिम्मेदारी को संभालने का अवसर मिला। मैं एक महिला हूँ, नरेन्द्र मोदी जी के महिला सशक्तिकरण अभियान के तहत भाजपा पार्टी ने मुझे अवसर दिया और इस अवसर के तहत मुझे लोगों ने अपना निगम प्रतिनिधि चुना और निगम में मुझे महापौर के रूप में चुना गया। मैं पूरी कोशिश करूंगी कि महापौर रहते हुए अपनी सभी जिम्मेदारियां बखूबी निभाऊँ।


अंजू जी महापौर का पद कांटों भरा ताज माना जाता है ऐसे में इस पद पर रहते हुए अपने परिवार को आप कितना समय दे पाती हैंं।


ये तो कहने की बात है कि महापौर का पद कांटों भरा है, आम जीवन में बहुत परेशानियां होती हैं उसी प्रकार ये तो पूर्वी दिल्ली नगर निगम के महापौर का पद हैं थोड़ी मुश्किल तो है मगर इतना कठिन नहीं की कार्य नहीं की जा सकता। काबिलियत से हम घर और बाहर दोनों को ही सही तरीके से मैनेज कर सकते हैं। यही महिला की विशेष उपलब्धि होती हैं।


अंजू जी इतना व्यस्त रहने के बाद भी आप अपनी सेहत का ख्याल कैसे ध्यान रखते हैं? और हमारी पत्रिका के माध्यम से महिलाओं को क्या संदेश देना चाहेंगी?


मैं इतना ही कहना चाहूंगी कि यदि आपको जीवन में एक सफल व्यक्तित्व का स्वामी बनना है तो आपको अपनी दिनचर्या स्वयं बनानी होगी जिस पर चलकर आप सेहत और काम को बदस्तूर जारी और सही रख सकेंगे। अपनी जीविका को चलाते हुए चाहे वो जीविका साधन किसी भी प्रकार का हो मगर सेहत का जरूर ख्याल रखें।



अंजू जी आपने इस पद को ग्रहण करने के साथ ही सबसे पहला कार्य क्या किया?


इस पद पर आते ही मैंने सबसे पहला जो कार्य किया वो नरेन्द्र मोदी जी द्वारा चलाये गये स्वच्छ भारत अभियान के तहत स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने की पहल की है। दिल्ली सरकार की राजनीति में पिचते बेचारे सफाई कर्मचारियों के लिए मेरा कार्य उनके हितों की रक्षा करना और उनके सुविधायें समय पर मिलती रहे उसके प्रयास किये हैं।


डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी भयंकर बीमारियों से पूर्वी दिल्ली की सेहत ना बिगड़े इस सम्बंध में आपने क्या-क्या कदम उठाये गये हैं?


आगामी मौसम बरसात का है जिसके लिए मैंने सम्बंधित अधिकारियों की मीटिंग बुलाई और उन्हें इंस्ट्रक्शन दिये हैं कि अपना काम नियमित रूप से करें और पूर्वी दिल्ली की जनता इन बीमारियों के प्रकोप से बची रहे और यदि कोई इस बीमारी की चपेट में आता है तो उसका उपचार सही रूप से हो सके। मेरा पूर्वी दिल्ली के निवासियों से विनम्र निवेदन है कि इस मुहिम में वे हमारा साथ दें और बरसात के मौसम में इन बीमारियों को रोकने में हमारी मदद करें, पानी को ढककर रखें, अपने आसपास पानी को इकट्ठा न होने दें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।


अंजू जी आपको आपके परिवार से सबसे ज्यादा सपोर्ट और सहयोग किनसे मिला?


मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं एक दिन राजनीति में आऊँगी और राजनीति में भी एक महापौर का पद मुझे मिलेगा। राजनीति का माहौल मुझे मेरे ससुराल से मिला है, कुछ करने की जिज्ञासा, समाज सेवा की इच्छा, मुझे अपने सुसर जी को देखकर मिलती थी, ससुर जी को 40 वर्षों से संघ के साथ और पति को कॉलेज समय से ही राजनीति करते देखा। ये लोग ही मेरी प्रेरणा और राजनीति में का कारण रहे इसके साथ ही पार्टी ने मुझे निगम का चुनाव लड़ने का अवसर दिया और लोगों ने भी अपने अपना प्रतिनिधि चुनकर निगम में बैठाया, इतना ही नहीं फिर मुझे पूर्वी दिल्ली का महापौर भी चुना गया और मैं ये विश्वास दिलाती हूँ कि मैं बखूबी इसका दायित्व निभाऊँगी।



अंजू कमलाकंत जी हालांकि दिल्ली की महिलाओं के लिए आप खुद एक रोल मॉडल बन चुकी हैं फिर भी हमारे पाठक यह जानना चाहेंगे कि आपको रोल मॉडल कौन हैं।


जीवन में रोल मॉडल हर कोई नहीं रहता है, कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, जिसको जो कार्य करना है उसे मन लगाकर करना चाहिये, अपने जीवन की चुनौतियों को स्वीकार करना चाहिये और महिला होने के नाते अपने आपको झांसी की रानी की तरह रहना चाहिये।


अंजू जी आप आने वाली पीढ़ी को कोई ऐसा संदेश देना चाहेंगी जिनसे वह प्रेरित हो सके।


मैं आने वाली पीढ़ी को कोई यही संदेश देना चाहूंगी कि ज्यादा से ज्यादा समाज की सेवा करें। मैं जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मिली तो उन्होंने मुझे यही बताया कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता सभी कार्य को मन लगाकर करना चाहिये तभी वो कार्य सिद्ध होगा और आपकी मिसाल देंगे।