जिन्दगी से कभी ना हारें : पूजा दहिया


हमारा भारत प्रतिभावानों से भरा पड़ा है, बहुत ही कम उम्र में अपनी प्रतिभा के दम पर आईटी जैसे कठिन सेक्टर में जल्द अपना लोहा मनवाकर फैशन और मॉडलिंग में दुनिया में नाम कमाने वाली प्रतिभा का नाम है पूजा दहिया धनकर। जोकि आज सफल बिजनेस वूमेनों में गिनी जाने लगी हैं, जिनसे हाल ही में हुई मुलाकात के दौरान 'आपकी सेहत' के उपसंपादक प्रवीण शर्मा ने बातचीत के प्रस्तुत हैं बातचीत के कुछ प्रमुख अंश :-


पूजा दहिया धनकर जी आपसे हम जानना चाहते हैं कि आपने अपने कैरियर की शुरूआत कहां से की?
मैंने अपने करियर की शुरूआत 18 वर्ष की आयु में ही शुरू कर दी थी, उस कंपनी का नाम था एनआईआईटी लिमिटेड जो कि आईटी इंडस्ट्री की एक कंपनी है।



पूजा दहिया धनकर जी आपकी प्राथमिक शिक्षा कहां से हुई और आपने कब अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित किया?
मेरे पिता डिफेंस में एयर फोर्स आॅफिसर रहे हैं और उनकी जॉब की वजह से हम लोगों को भारत के कुछ रायो में रहने का अवसर मिला  इसलिए मेरी प्राथमिक शिक्षा काफी सालों तक आर्मी पब्लिक स्कूल और कुछ सालों तक केंद्रीय विद्यालय में हुई है। जीवन का लक्ष्य मैंने बना लिया था 18 वर्ष की उम्र में ही क्योंकि मुझे उस टाइम पर फैशन डिजाइनिंग का बहुत शौक था और मैं क्रिएटिविटी की लाइन में आगे बढ़ना चाहती  थी, पर क्योंकि मेरे पास साइंस फील्ड थी, तो मुझे आईटी फील्ड में ही सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डाल दिया गया क्योंकि उन दिनों आईटी बहुत बूम पर था। कंप्यूटर क्षेत्र उस समय बहुत इंपॉर्टेंट था। सब लोग कंप्यूटर की तरफ दौड़ रहे थे।




पूजा जी आपकी सफलता और आज आप एक मुकाम पर हैं उसने पाने के लिए आपने क्या किया और उसमें मुख्य भूमिका किसकी रही?
मेरी सफलता और मैं आज जिस मुकाम पर हूं उसे पाने के लिए मैंने भी मेहनत की है, जैसे मैं मानती हूं सभी करते हैं, डैफिनेटली मुझमें कुछ बातें हैं जो मुझे यहां तक लाई हैं, जैसे मैं जिद्दी हूं, सो मैं जो भी कार्य करने की ठान लेती हूँ, उसे 100 फीसदी कमिटमेंट और ईमानदारी से करती हूँ। मैं अपने हर काम में एक्सीलेंट ही रहना चाहती हूं और मेरा मानना है कि सेल्फ डिसिप्लिन बहुत जरूरी होता है। इस सफलता को इसे पाने में मुख्य भूमिका डेफिनिटी मेरे माता-पिता की रही है क्योंकि उनकी परवरिश में वह सब गुण थे जिनकी वजह से आज मैं इंडिपेंडेंट हूं। मेरे पेरेंट्स ने मुझे जिन्दगी में कभी थकने नहीं दिया। किसी उतार-चढाव में हार नहीं मानने दी और शादी के बाद पति का साथ मिलता रहा।



पूजा जी लोग आपको जानते  पहचानते हैं यह देखकर आपको कैसा महसूस होता है?
आज मैं अपने 20 साल के कॉपोर्रेट एवं बिजनैस के बेहतरीन एक्पीरीयंस के साथ एक बिजनैस वुमैन हूं। मैं एक मोटिवेशनल स्पीकर, एक सटीर्फाइड फैशन/इमेज कंसल्टैंट और एक सोशल वर्कर भी हूं। मुझे लगता है कि हमारा कर्तव्य है अपने समाज के प्रति, हमें किसी भी तरह का योगदान देना चाहिए। आज मैं जानती हूं कि लोग मुझे जानते हैं, पहचानते हैं और पसंद करते हैं, तो बहुत अच्छा लगता है। सबसे ज्यादा अच्छा और दिल को सुकून तब मिलता है जब यह पता चलता है अपने प्रशंसकों द्वारा कि मैं लोगों की जिंदगी में कुछ प्रभाव ला सकी हूं, उनके आचरण में, उनके लाइफस्टाइल में, उनकी जिंदगी में, उनकी सोच में कोई भी छोटे से छोटा बदलाव लाई हूं।
इंग्लिश में एक कहावत है "देयर इज नो लीडर विदाउट फॉलोअर्स" आज अगर में फेमस हूं तो उसका कारण ये सभी कद्र करने वाले लोग हैं। बहुत खुशी होती है कि आजकल समाज में एक बदलाव आया है, जहां लोग एक दूसरे को आगे बढ़कर प्रेरित करते हंै, एक दूसरे की कद्र करते हैं,  प्रोत्साहित करते हैं। जब लोग मुझे जानते हैं और मेरी कद्र करते हैं, प्रशंसा करते हैं तो लगता है कि मैं सही राह पर हूं और ये लोग ही हैं, चाहे मेरी फैमिली से हों, मेरे मेंटॉर्ज, मेरे स्टूडेंट हों, मेरी टीम मेंबर्स हों, मेरी एम्पलाइज हों या फिर सोशल साइ्ट्स पर मेरे फॉलोअर्स हो़, इनसे हिम्मत मिलती है, आगे बढ़ते रहने की। सफलता चाहे जितनी भी मिले इसमें ईश्वर रूपी मेरे माता-पिता और मेरी जिंदगी में हर इंसान का शुक्रिया करना चाहूंगी क्योंकि इन में से अगर एक भी नहीं होता तो मैं वहां नहीं होती जहां में आज हूं।




पूजा दहिया धनकर जी आपका कोई सपना हो जो अभी तक सपना ही है, उसके बारे में बतायें?
मैंने जीवन में सपने देखें और हर सपने को पूरा करने के लिए बहुत मेहनत की। एक सपना पूरा हुआ तो दूसरा सपना देखना शुरू किया क्योंकि मेरा मानना है कि इंसान को सपने देखना नहीं छोड़ना चाहिए, क्योंकि सपने वो होते हैं जो हमें सोने नहीं देते और मेरे साथ तो कुछ ऐसा है कि मेरे सपने मुझे रुकने नहीं देते। अभी तक तो कोई ऐसा सपना नहीं है जिसे पूरा करने के लिए मेहनत की हो और वह पूरा ना हुआ हो।



पूजा जी आपको आपके परिवार से सबसे ज्यादा सपोर्ट और सहयोग किनसे मिला?
मेरे परिवार में से सबसे ज्यादा सपोर्ट मेरे माता-पिता से मिला है और शादी के बाद मेरे पति काफी सपोटर्टिव हैं।



पूजा दहिया धनकर जी आपको किन अवॉर्डों से सुशोभित किया जा चुका है?
मैं अपने आप को बहुत ही है खुशकिस्मत समझती हूं कि मेरी काबीलियत को सही टाइम पर रिकॉग्निशन मिलता रहा मेरे कार्य क्षेत्र में। पहले  कॉरपोरेट आईटी इंडस्ट्री में बहुत सारे एक्सीलेंस अवॉर्ड्स मिले। उसके बाद जब अपना बिजनेस शुरू किया तो फैशन आइकन, लीडरशिप, सोशल वर्क, नारी सशक्तिकिरन, हरियाणा गरिमा आदि से सम्मानित किया गया। इन सबके अलावा फंक्शंस होते रहते हैं जहां पर बुलाया जाता है सम्मानित किया जाता है।



पूजा दहिया धनकर जी आपके जीवन के रोल मॉडल कौन है? आप किस फिल्म स्टार की तरह बनना चाहती हैं?
मेरा मानना है कि हर इंसान अपनी परिस्थितियों के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करता है संघर्ष से जीतता है। कोई भी इंसान किसी और की तरह नहीं बन सकता, सबकी अलग परिस्थितियां होती हैं, सबके संघर्ष अलग होते हैं और संघर्ष को झेलने का ढंग अलग होता है।
मैं  किसी फिल्म स्टार की तरह नहीं बनना चाहती, क्योंकि फिल्म स्टार्स अपने प्रोफेशन में बहुत ही बेहतरीन ढंग से अपना काम करते आ रहे हैं। मैं  फैशन,  लीडरशिप,  सोशल सर्विस, मोटिवेशन के कार्य में हूं, खुद को ही सेलिब्रिटी मानती हूं अपने काम में। अपनी फील्ड में ही बहुत आगे बढना चाहती हूं। इसलिए सिर्फ पूजा दहिया धनकर ही बनी रहना चाहती हूं।




पूजा जी अभी तक आपने जितनी भी कार्य किए हैं उनमें से आपके लिए सबसे बेस्ट और सबसे अच्छा कार्य और अनुभव कौन सा रहा?
मेरे 20 -22 साल के एक्सपीरियंस में मैंने बहुत सारे अलग-अलग तरह के काम किए हैं और सारे ही काम बहुत अलग थे। ऐसा कोई काम नहीं है जो मुझे ना पसंद हो या बहुत पसंद हो। फिर भी सबसे ज्यादा पसंद मुझे वह काम आता है जिस काम को करने के बाद मेरी आत्मा को सुख मिलता है। जैसे जब कुछ भिखारी बच्चों को मैंने एक रोजगार का साधन दिया था (4-5 शू पॉलिश किट) और एक हफ्ते बाद जब मैंने देखा कि वह भीख नहीं मांग रहे थे और काम करके पैसा कमा रहे थे तो उस बात से मुझे बहुत खुशी हुई थी।



पूजा दहिया धनकर जी आप आने वाली पीढ़ी को कोई ऐसा संदेश देना चाहेंगी जिनसे वह प्रेरित हो सके।
आने वाली युवा पीढ़ी को मैं यह कहना चाहूंगी कि वे बहुत ही शार्प, इंटेलिजेंट, कॉन्फिडेंट एंड सॉर्टेड माइंडसेट के है और इस बात की मैं तारीफ करती हूं। हर बच्चा कुछ ना कुछ बनता है और सफल होता है जिंदगी में, जरूरी यह है आने वाली पीढ़ी जिंदगी का मकसद समझे। उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि उन पर समाज एवं देश की तरक्की की जिम्मेदारी है। अपना फोकस सही रखें और अपना लक्ष्य को पहचाने और जिÞन्दगी से कभी ना हारें। जरूरी यह है कि आने वाली पीढ़ी यह समझे कि जिÞन्दगी सबसे खूबसूरत उपहार है इस जिंदगी को और ज्यादा महत्वपूर्ण और  वैल्युएबल बनाएं। सोसाइटी में किसी भी छोटी या बड़ी तरह से योगदान करें शिक्षा का, स्वच्छता का आदि और समाज को आगे बढ़ाएं।