ऐसे जीयो की खुद को पसंद आ सको : रोशनी हल्दिया



आज की इस प्रतिस्पर्धा भरी जिंदगी में अपने सपनों को पूरा करना और वो भी वर्तमान की जिम्मेदारियों निभाते हुए, अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होता है। जी हाँ हम बात कर रहे हैं - रोशनी हल्दिया की, इन्होंने शादी के 21 साल अपने जिंदगी की जिम्मेदारियों बखूबी निभाते हुए वर्तमान में अपने सपनों को पूरा किया। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे में जन्म लेकर, अपनी पढाई लिखाई कर, गृहणी महिलाओं के बीच एक मिसाल बनी बनकर मिसेज उत्तर प्रदेश का खिताब जीता। हाल ही में रोशनी हल्दिया से आपकी सेहत पत्रिका के वरिष्ठ संपादक गौरव जैन से हुई बातचीत के प्रस्तुत है कुछ प्रमुख अंश :-



रोशनी जी आपने अपने कैरियर की शुरूआत कहां से की?
सबसे पहले मैं आपका और आपकी सेहत के पाठकों का बहुत-बहुत धन्यवाद कहना चाहूंगी कि  आपने मुझे यह सुनहरा अवसर पर दान किया। जहां तक कैरियर की बात है, फैशन डिजाइनिंग मेरा शुरू से ही पैशन रहा है और मैंने अपने कैरियर की शुरूआत ऐसे फैशन डिजाइनर से ही लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के कारण मैं ज्यादा लंबे समय तक यह कार्य नहीं कर पाई तथा सुविधानुसार मैंने अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य किया। मेरी मेहनत की शरूुआत कुछ इस तरह से हुई - कुछ समय के लिए मैंने पार्टी अकाउंट का कार्य किया, मैक्स में एक फाइनेंसियल एडवाइजर का कार्य किया, साथ ही साथ मैंने अपना हेल्थ सेंटर भी चलाया पर मेरे हसबैंड का जॉब ट्रांसफर होने के कारण मुझे कुछ सालों बाद यह बंद करना पड़ा तथा एज ए होममेकर मैंने अपनी लाइफ शुरू कर अपनी जिम्मेदारियों को अहमियत।





रोशनी जी आपकी प्राथमिक शिक्षा कहां से हुई?
मेरी प्राथमिक शिक्षा यूपी के एक छोटे से कस्बे स्याने में हुई, आठवीं तक की शिक्षा मेरी यहीं पर हुई तथा 9वीं से मेरी शिक्षा जयपुर में हुई, नौवीं दसवीं मैंने जयपुर के वैदिक कन्या स्कूल से की तथा 11वीं और 12वीं महाराजा स्कूल से की, श्री सत्य साईं कॉलेज से मैंने डिग्री की तथा फैशन डिजाइनिंग का कोर्स भी मैंने सत्य साईं कॉलेज से किया इसके अलावा सत्य सांई कॉलेज से मैंने गारमेंट प्रोडक्शन एंड एक्सपोर्ट मैनेजमेंट, फौरन ट्रेड प्रेक्टिस एंड प्रोसिजर एवम इंग्लिश लिट्रेचर में बीए की डिग्री प्राप्त की।



आपकी सफलता और आज आप जिस मुकाम पर हैं उसने पाने के लिए आपने क्या किया और उसमें मुख्य भूमिका किसकी रही?
किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए दो चीजों का होना बेहद जरूरी है - आत्मविश्वास और उस कार्य के प्रति लगन। मैंने शादी के 21 सालों तक अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियां बहुत अच्छे से निभाई लेकिन कभी भी अपने सपनों को टूटने नहीं दिया, जैसे-जैसे मेरे बच्चे बड़े होते गये मुझे लगा मैं अपनी मंजिल के करीब पहुंच रही हूं क्योंकि मेरा यह मानना है कि उम्र एवं भाषा कभी भी किसी के कैरियर की रुकावट नहीं बन सकती, सबसे बड़ा सपोर्ट मेरे मम्मी-पापा और मेरे हस्बैंड का रहा। मेरे बच्चे हर कदम पर मेरे साथ रहे, उन्होंने मेरे सपनों को बिखरने नहीं दिया, उन्हीं के सपोर्ट की वजह से मैं अपने सारे सपने पूरे कर पाई। शादी के 21 साल बाद मैंने मिस यूपी का खिताब हासिल किया।





रोशनी जी आज आप जिस मुकाम पर हैं और आज लोग आपको जानते हैं यह देख कर आपको कैसा महसूस होता है?
आज मैं जिस मुकाम पर भी हूँ, सबसे पहले तो ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करना चाहती हूँ, जिसने इतने खुशियों से मुझे नवाजा है और फिर यही कहना चाहूंगी - ऐसे जियो कि खुद को पसंद आ सको दुनिया वालों की पसंद तो बदलती रहती है, जो लोग मुझमें खामियां ढूंढा करते थे, आज वही लोग मेरी तारीफ करते हैं, मेरे साथ सेल्फी लेना चाहते हैं, आॅटोग्राफ लेते हैं, मुझे प्रोग्राम में जज करने के लिए एज ए चीफ गेस्ट बुलाया जाता है। जिदंगी में और भी आगे बढ़ने के लिए ये छोटी-छोटी सी चीजें बहुत प्रोत्साहित करती हैं।



आपने आज तक अपने जीवन में जो तय किया और उसको पाने के लिए आपने दिन रात मेहनत की क्या अभी वह सपना अधूरा है?
जी हां! ये तो अभी सपनों के सफर की शुरूआत है, मंजिल को तो अभी पाना है, बडे बुजुर्ग कहते हैं -


क्यों डरे कि जिंदगी में क्या होगा,
हर वक्त क्यों सोचें कि बुरा ही होगा,
बढ़ते रहे मंजिलों की तरफ,
कुछ भी ना मिला तो क्या,
तजुर्बा तो नया होगा।



आपको आपके परिवार से सबसे ज्यादा सपोर्ट और सहयोग किनसे मिला?
मेरे परिवार में सबसे ज्यादा सपोर्ट मेरे हसबैंड का रहा। उन्होंने मुझे कभी भी कुछ भी करने से नहीं रोका, उन्होंने फाइनेंशली सपोर्ट भी किया और मोरल सपोर्ट भी किया। मेरे सपना को पूरा करने में सबसे ज्यादा भूमिका मेरी 16 साल की बेटी की रही। जब भी मैं हार मानने लगती थी तो वह हमेशा मुझे प्रोत्साहित करती थी या यूँ कहिए कि वो कुछ समय के लिए मेरी मां बनकर, मुझे सफल कराने की  हर कोशिश करती रहती थी। मेरे मम्मी-पापा जिन्होंने शादी के इतने सालों बाद भी यह एहसास नहीं होने दिया कि मैं उनसे दूर हूं, मेरे पापा हमेशा मेरी बैकबोन बने रहे, जब भी मेरे जीवन में उतार-चढ़ाव आए, उन्होंने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया और मुझे सही राह दिखाई।





आपको अभी तक कौन-कौन से सम्मानों से सुशोभित किया जा चुका है?
देखिए! जहां तक सम्मान की बात है, तो मेरे हिसाब से प्रत्येक गृहणी के लिए सबसे बड़े सम्मान की बात यही होती है कि उसका परिवार उसकी इज्जत करे, बच्चे उसका आदर करें। हसबैंड उसके विचारों को अहमियत दे तथा सभी पारिवारिक सदस्य उसके कार्य की सराहना करें और मेरे लिए तो यही सबसे बड़ा सम्मान है। ....और रही बात प्रोफेशनल लाइफ की तो मैक्स लाइफ इंश्योरेंस में मुझे कई पुरस्कार मिले हैं - 2004 में मैंने मिसेज जयपुर में पार्टिसिपेट किया था, वहां मिसेज ब्यूटीफुल स्माइल का टाइटल मिला था और अब 2019 में मुझे डेजल मिस एंड मिसेज इंटरनेशनल में मिसेज उत्तर प्रदेश का खिताब मिला और अपने घर के लिए तो मैं हमेशा से ही क्वीन आॅफ द हाउस थी और रहूँगी।



आपके जीवन के रोल मॉडल कौन हैं तथा आप किस फिल्म स्टार की तरह बनना चाहती हैं?
मेरे हिसाब से हर इंसान अपने आप में रोल मॉडल है और प्रत्येक व्यक्ति के अंदर एक स्टार छुपा हुआ है। मैंने अपने जीवन में हरेक व्यक्ति से कुछ ना कुछ सीखा है, कहा तो यह जाता है कि बेटियांँ माँ का प्रतिबिंब होती हैं, मेरे लिए कहा जाए तो मेरी माँ ही मेरी रोल मॉडल है। जिस तरह उन्होंने परिस्थितियों का सामना किया, हमें बेहतर जिंदगी दी, हर परिस्थितियों में अपने आप को ढालना सिखाया, परिवार में कब किस चीज को अहमियत देनी है ये सब उन्हीं से सीखा। यह मेरे लिए बहुत खुशी की बात होगी कि मैं अपने विचारों या कर्म के द्वारा किसी एक के जीवन में भी बदलाव ला सकूँ, खुशियाँ ला सकूँ, एक नए तरीके से जीवन जीने की कला सिखा सकूँ।



 



अभी तक आपने जितनी भी कार्य किए हैं उनमें से आपके लिए सबसे बेस्ट और सबसे अच्छा कार्य और अनुभव कौन सा रहा?
मेरे हिसाब से वही कार्य करना चाहिए जिससे आपको खुशी मिलती है क्योंकि जो काम दिल से किया जाता है, उसमें सफलता जरूर मिलती है। वैसे तो मैंने सारे काम दिल से किए। आत्मसंतुष्टि मुझे हेल्थ सेंटर से मिली, वहां जब लोग अपनी परेशानियां लेकर आते थे, कोई मोटापे से परेशान हैं, कोई ज्यादा पतला है जिससे उसकी शादी नहीं हो पा रही। उनकी परेशानियों को दूर करके उनके जीवन को खुशहाल बनाने में जो खुशी मिलती थी, वह मैं बयां नहीं कर सकती। आपके द्वारा किसी की जिंदगी सवार दी जाये तो  यह बहुत बड़ी बात है। पुरानी कहावत है कि - कर भला, तो हो भला। शायद उन सबकी शुभकामनाओं की वजह से हीं मैंने अपने पसंदीदा जगत - फैशन की दुनिया में दोबारा कदम रखा, और अपना सपना पूरा किया मिसेज उत्तर प्रदेश का खिताब जीतकर और अपनी एक अलग पहचान बनाई।




आप आने वाली पीढ़ी को कोई ऐसा संदेश देना चाहेंगी जिनसे वह प्रेरित हो सकें।
जी हाँ! आने वाली पीढ़ी के लिए एवं महिलाओं के लिए मैं स्वयं एक प्रेरणा का स्रोत हूँ साथ ही मैं यह संदेश देना चाहती हूँ कि - फर्स्ट लव योरसेल्फ, अपने आप से प्यार करना सीखो, दूसरों के नजरिए से अपने आपको मत आंको, अपने नजरिए से स्वयं को देखो, मेरे हिसाब से सुंदरता की कोई परिभाषा नहीं है, हर इंसान, हर लड़की, हर औरत अपने आप में परिपूर्ण हैं, भगवान की बनाई हुई है संरचना खूबसूरत है, जरूरत है तो उसको निखारने की, खुद की तारीफ करना सीखो, अपने आप में आत्मविश्वास जगाएँ, वह आपकी असली खूबसूरती है। हर लड़की के सिर पर इनविजिबल क्रॉउन है, किसी भी कार्य को करने के लिए कोई उम्र नहीं होती, आप जीवन के किसी भी पड़ाव में अपने सपने पूरे कर सकते हैं। जरूरत है तो सिर्फ कोशिश एवं प्रयत्न की और यही कहूंगी - सम टाइम्स गिव प्रायरटी योरसेल्फ इज नॉट सेलफिशनेस इज नेसेसरी।


एक औरत परिवार का स्तंभ होती है, अपने घर का गूगल होती है, वह स्वयं का भी उतना ही ध्यान रखें, जितना पूरे परिवार का रखती है, स्वयं को भी उतनी ही अहमियत दे।


खुश रहें, मुस्कुराते रहें, दोस्तों
उदासियों की वजह तो बहुत है जिंदगी में,
पर बेवजह खुश रहने का
मजा ही कुछ और है।


इन लाइनों को अपनी जिंदगी में उतार लें, जिंदगी बहुत आसान हो जाएगी और बस यही कहना चाहूंगी कभी शब्दों में तलाश ना करना मेरा वजूद। मैं उतना लिख-बोल नहीं पा रहीं हूँ जितना महसूस करती हूँ।