आकर्षक देहयष्टि के लिए व्यायाम


प्रत्येक नारी चाहती है कि वह आकर्षक दिखे और अपने पति के ख्यालों में बसी सूरत की मलिका बने। आजकल सुन्दरता के ख्यालात बहुत बदल गये हैं। त्वचा का गोरापन एवं सुन्दर चेहरे को ही सुन्दरता का मापदण्ड माना जाता है, जबकि यह सत्य नहीं है, सुन्दरता का मापदण्ड न सिर्फ त्वचा का गोरापन व सुन्दर चेहरा ही है बल्कि सुन्दरता की कसौटी का महत्त्वपूर्ण मापदंड पतला एवं सुडौल शरीर ही है।
अपनी काया को सुडौल एवं आकर्षक बनाने के लिए आज की नारी व्यायाम के महत्त्व को भली भांति जानती है। आयुर्वेद के प्रत्येक ग्रंथ में भी व्यायाम के महत्त्व को उजागर किया गया है। निरोगी शरीर प्राप्त करने के लिए एक बहुत ही सीधा-सादा और कम खर्चीला साधन मात्र व्यायाम ही है जिसका लाभ अवश्य ही उठाना चाहिए। आइए, शरीर के विभिन्न अंगों को सुडौल व आकर्षक बनाने वाले कुछ व्यायामों के विषय में जानेंः-


कंधों का व्यायाम:-
सम्पूर्ण व्यक्तित्व को खूबसूरत बनाने में तथा शरीर की ऊपरी बनावट को सुडौल आकार देने में कंधों का बहुत बड़ा हाथ है। कंधों से ही बांहें, गरदन, पीठ व छाती की मांसपेशियां जुड़ी रहती हैं लेकिन कंधों की मांसपेशियों के शिथिल पड़ते ही छाती धंस जाती है और पीठ बाहर निकल आती है। गरदन और बांहें भी बेजान-सी लटकी हुई प्रतीत होने लगती हैं। यह कहना कतई गलत नहीं होगा कि शरीर के ऊपरी हिस्सों में आकर्षण का सारा दारोमदार कंधों पर ही है। कंधों को सुडौल बनाने के लिए निम्नांकित व्यायाम करेंः-



  • स्टूल पर तन कर कंधों को बिल्कुल सीधा करके बैठ जाएं और बांहों को कुहनियों से मोड़कर सामने रखते हुए उन्हें पीछे की ओर धकेलें। इस क्रिया को जल्दी-जल्दी 10-12 बार करें।

  • स्टूल पर ही बैठे रहकर बांहों की पीछे करके हाथों की अंगुलियों को आपस में बांध लें। इसी स्थिति में रहते हुए कंधों को परस्पर पास लाने की कोशिश करें। इस स्थिति में 1 से 2 मिनट तक रहने के बाद इसे बार बार दोहरायें।

  • जमीन पर सीधे लेटकर हाथों को सिर के ऊपर जितना अधिक खींच सकती हैं, खीचें। दो मिनट तक इस स्थिति में रहने के बाद इसे पांच बार करें।

  • दीवार के सहारे खड़ी होकर कंधों को पीछे खींचकर दीवार को छूने की कोशिश करें। इस प्रकार निरन्तर करते रहने से आपके कंधे सुडौल एवं आकर्षक बन जायेंगे।


गरदन का व्यायाम:-
स्त्रियां अक्सर अपनी गरदन की उपेक्षा करती रहती हैं। आमतौर पर लंबी, सुडौल एवं कोमल त्वचा वाली गरदन ही आकर्षक व सुन्दर मानी जाती है। गरदन का रंग आमतौर पर सफाई में लापरवाही बरतने से खराब हो जाता है। अगर गरदन की उपेक्षा की जाए तो इस का परिणाम यह होता है कि वह पहले-सी आकर्षक नहीं रहती और उसमें सलवटें तथा झुर्रियां भी पड़ जाती हैं। नियमित देखभाल व साधारण व्यायाम करने से गरदन के दोषों को मिटाया जा सकता है तथा उसे आकर्षक बनाया जा सकता है।



  • स्टूल पर बैठकर या जमीन पर सीधी खड़ी होकर हाथों की अंगुलियों को सिर के पीछे बांध लें। सिर को आगे की ओर झुकाते हुए ठुड्डी को कंधे से छूने का प्रयत्न करें। इसे 10-12 बार तक करें।

  • स्टूल पर बैठकर शरीर को बिल्कुल सीधा रखते हुए सांस को अंदर की ओर इतनी जोर से खींचें कि गरदन की सभी मांसपेशियां व नाड़ियां उभरकर दिखाई देने लगें। सांस को इसी तरह तब तक रोक कर रखें जब तक आप रोक सकती हैं। फिर धीरे-धीरे नाक से श्वास छोड़ते हुए आधा मिनट तक आराम करें। इस व्यायाम को 4-5 बार तक करें।


 



पेट और कमर का व्यायाम:-
पेट एवं कमर भाग पर चर्बी जमा होकर नारी की देहयष्टि का नाश कर देती है। पेट एवं कमर का मोटापन न सिर्फ नारी शरीर की सुन्दरता को ही नष्ट कर देता है बल्कि अनेक बीमारियों का भी घर बन जाता हैं, अतः पेट एवं कमर के सौंदर्य को बनाए रखने के लिए निम्नांकित व्यायाम करें-



  • अपनी दोनों बाजुओं को पूरा खोलकर जमीन पर पीठ के बल लेट जायें और घुटनों को मोड़कर सीने तक ले आयें।

  • शरीर को सिर्फ कमर से बांईं और मोड़ते हुए घुटनों से जमीन को छुएं। ध्यान रखें कि कंधे जमीन से सटे रहें।

  • घुटनों को ऊपर उठाकर दोबारा सीने तक लाएं तथा उसी प्रकार अब दाहिनी तरफ घुटनों को जमीन पर लायें। इस क्रिया को पांच बार तक दोहराएं।


अपनी देहयष्टि को आकर्षक एवं सुडौल बनाने के लिए व्यायाम के साथ ही खान-पान पर भी आवश्यक ध्यान देना चाहिए। खट्टी-चटपटी वस्तुओं के निरन्तर सेवन से शरीर का आकर्षण कम हो जाता है तथा सुन्दरता भी कम होती है। अधिक व बार-बार भोजन करते रहने से भी देहयष्टि नष्ट होती है अतः नियमित व्यायाम करके पाचन-शक्ति को भी बढ़ाया जा सकता है।