तनावमुक्त जिंदगी के लिए


आधुनिक सुख-सुविधाओं को अधिक से अधिक पाने की होड़ में जिंदगी ने इतनी रफ्तार पकड़ ली है कि मनुष्य सुबह से रात तक भागदौड़ करते-करते तनावग्रस्त हो जाता है। चाहे घर हो या बाहर, सब जगह स्थिति तनावग्रस्त बनी रहती है। ऐसे में थोड़ी समझदारी और धैर्य से काम लिया जाए तो काफी तनावों को आसानी से दूर किय जा सकता है।



  • यदि आप आॅफिस में काम करते हैं तो सप्ताह के अंतिम दिन एक घंटा फ्री रखें ताकि आप अपने टेबल पर रखे सामान को ठीक कर सकें। पेपरों की उचित फाइलिंग करें। जब आप सोमवार को अपने आफिस पहुंचेंगे तो साफ सुथरा मेज देखकर काम करने का मज़ा अधिक आएगा जो तनाव को कम करेगा।

  • जिस भगवान या धर्म को मानते हैं, उनके अमर वाक्य अपनी मेज के कांच के नीचे या पर्स में रखें। आवश्यकता होने पर ध्यान उस ओर कर तनाव पर काबू पा सकते हैं। इससे मन शांत होता है।

  • यदि आपका अच्छा मित्र या भला चाहने वाला आपकी गलती की ओर ध्यान आकर्षित करता है तो उस पर शान्तिपूर्वक विचार कर स्वयं को सुधारने का प्रयास करें और उसका आभार मानें कि उसने आपका मार्गदर्शन किया है।

  • जब आप कामों से जूझ रहे हैं तो भोजन के समय अपने कार्यस्थल से थोड़ा हट कर भोजन अवश्य करें। वातावरण के परिवर्तन से भी आप ताजगी महसूस करेंगे और पुनः अपने काम में मस्त हो जायेंगे।

  • घर के सभी काम अपने ऊपर न ओढ़ें। मिल-जुल कर करेें। बच्चों और पति को भी मदद करने में प्रोत्साहित करें। इससे काम भी हलका होगा, काम में मन भी लगेगा और तनाव भी नहीं होगा।




  • खाली समय में अपनी पसंद का संगीत सुनें, पत्र-पत्रिकाएं पढ़ंे, यदि कोई वाद्य यंत्र बजाना आता हो तो बजाएं या अपनी पसंद का टीवी प्रोग्राम देखें। न समय खाली होगा, न तनाव होगा।

  • अपने घर का वातावरण हलका रखें। घर में कम सामान रखें। घर को कबाड़घर न बनायें। घर चाहे छोटा हो, उसे सलीके से सजा सवंार कर रखें।

  • जब भी मन भारी लगे, मौसम के अनुसार ’शावर बाथ‘ ले लें। मन प्रफुुल्ल हो उठेगा और ताजगी महसूस करेगा।

  • किसी भी वस्तु को प्राप्त करने के लिए उतावले न हों, न ही अपने साथी से जिद करें। इससे भी तनाव पनपता है।

  • हर गलत बात के लिए स्वयं को दोषी न ठहराएं। इससे नकारात्मक सोच पनपती है जो तनाव को बढ़ाती है। अपनी सोच को सकारात्मक बनायें।

  • उन दोस्तों या संबंधियों से अधिक मेल-जोल न रखें जो हमेशा आपको नीचा दिखाना चाहते हों क्योंकि उनसे मिलने के बाद आप तनावग्रस्त हो जायेंगे।

  • दूसरों की उतनी ही मदद करें जितनी आप आसानी से कर सकते हैं।

  • यदि आपके पास समय है तो किसी समाजसेवी संस्था से जुड़कर कुछ अच्छा कार्य करें। समय भी कट जाएगा और भला काम भी होगा।

  • कभी किसी काम में असफल हो गये हैं तो निराश होकर न बैठें। उसे सफलता की अगली सीढ़ी मानें।

  • कुछ नया सीखने में न शर्माएं। दूसरों को सिखाने में सहयोग दें।

  • दूसरों की चिन्ताओं और समस्याओं को कम करने का प्रयास करें पर उनमें इतने इंवाल्व न हो जाएं कि स्वयं तनावग्रस्त हो जायंे।

  • शाॅपिंग करने खाली समय में जाएं। ध्यान रखें जब भीड़ की संभावना कम हो, तब न जाएं।

  • पुरानी सुखद बातों को याद कर मुस्कुरायें, दुःखद बातों को गलती या बेवकूफी मानकर भूल जाएं।

  • बच्चों के साथ बच्चा बनकर खेलें। यह भी तनाव को कम करता है।

  • जब कभी तनाव की स्थिति महसूस करें, बालकनी में बैठकर प्रकृति को निहारें। थोड़ी ही देर में आप पायेंगे कि आपका मन प्रसन्न हो गया है।

  • आस-पड़ोस से संबंध अच्छे बना कर रखें। कभी-कभी आप उनके घर जाएं, कभी उन्हंे अपने यहां बुलायें। अच्छे संबंध भी तनाव दूर करते हैं।

  • जिन कामों में रूचि न हो, ऐसे कार्य से न जुड़ें। स्पष्ट नहीं कहना भी सीखें। अरूचि वाले काम भी तनाव बढ़ाते हैं।