स्वास्थ्य रक्षक व पुष्टिकारक फल - टमाटर



टमाटर केवल एक पौष्टिक शुद्ध आहार ही नहीं बल्कि एक गुणकारी औषधि भी है। टमाटर में आहारोपयोगी पोषक तत्व काफी मात्रा में पाये जाने के कारण यह हरी साग-सब्जियों में एवं फल के रूप में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। साग के अलावा टमाटर का उपयोग कचूमर, अचार, सूप, सैण्डविच तथा साॅस आदि बनाने में होता है।


प्रकृति:- टमाटर की प्रकृति न गर्म है न ठण्डी। टमाटर रस और विपाक में खट्टा, रूचिकर, अग्नि प्रदीपक, पाचक, सारक और रक्तशोधक होता है। अग्निमाद्य, मेदवृद्धि, उदरशूल तथा रक्तविकार में यह हितकारी है। टमाटर श्रेष्ठ वायुनाशक है।


टमाटर में लौह, चूना, पोटाश, लवण, मैंगनीज आदि अन्य सब्जियों और फलों की अपेक्षा अधिक पाया जाता है। आॅक्सेलिक एसिड, मैलिक एसिड तथा साइट्रिक एसिड भी टमाटर में पाया जाता है। छः प्रकार के विटामिनों में पांच विटामिन टमाटर में हैं। पके टमाटर में विटामिन ’ए‘, ’बी‘ और ’सी‘ प्रचुर मात्रा में होता है।


औषधीय प्रयोग:-


कब्ज:- प्रतिदिन 50 ग्राम कच्चा टमाटर खाने से कब्ज दूर होती है। पके टमाटर का आधा कप सूप पीने से पुरानी कब्ज दूर होती है।


पाचन शक्ति वर्द्धक:- टमाटर के टुकड़े कर, उन पर सोंठ व सेंधा नमक का चूर्ण बुरक कर खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है, अग्निमांद्य, अफारा व अरूचि दूर होती है।


मुंह के छाले:- टमाटर का रस पानी में मिलाकर कुल्ले करने से छाले मिट जाते हैं।



बुखार:- बुखार में रक्त में विजातीय द्रव्य बढ़ जाते हैं। टमाटर का सूप इन तत्वों को निकाल देता है। इससे रोगी को आराम मिलता है। यह सामान्य बुखार में ही देना चाहिए।


कृमिनाशक:- टमाटर के रस में हींग का बघार लगाकर पीने से कृमि रोग में फायदा होता है। खाली पेट लाल टमाटर, काली मिर्च व नमक मिलाकर खाने से भी कृमि मर जाते हैं।


रतौंधी:- सुबह-शाम टमाटर का रस पीने से अल्पदृष्टि में लाभ होता है तथा आंखों की रोशनी बढ़ती है।


शिशुशक्तिवर्द्धक:- शिशु की माताएं टमाटर खाएं तथा शिशु को टमाटर का ताजा रस दिन में 2-3 बार पिलाएं। इससे शिशुओं का शारीरिक विकास अच्छा होता है, पाचनशक्ति अच्छी रहती है तथा दांत आने में कठिनाई नहीं होती।


खुजली:- टमाटर का रस एक चम्मच और नारियल का तेल दो चम्मच मिलाकर शरीर पर मालिश करने से तथा कुछ समय बाद कुनकुने पानी से स्नान करने से खुजली मिटती है।


रक्तविकार:- पके टमाटर के ताजे रस में पानी और थोड़ा सा शहद मिलाकर पीने से रक्तविकार तथा रक्तपित्त दूर होता है।


शक्तिवर्द्धक:- प्रातः काल नाश्ते में एक गिलास टमाटर के रस में थोड़ा सा शहद मिलाकर पीने से चेहरा टमाटर की तरह सुर्ख निखार पाता है। टमाटर यकृत, फेफड़ों को शक्ति देता है, स्मरण शक्ति बढ़ाता है तथा रक्तचाप घटाता है।


ध्यान रहें:- टमाटर गुणकारी होने के साथ ही पथरी, अम्लपित्त, आमवात, शीतपित्ती, सूजन, संधिवात के रोगियों के लिए हितकर नहीं है, अतः उन्हें टमाटर नहीं खाना चाहिए। जिनके शरीर में गर्मी की मात्रा अधिक हो, मांसपेशियों में दर्द हो, तेज खांसी चलती हो, पेट, आंतों व गर्भाशय में उपदंश हो, उन्हें भी टमाटर से परहेज करना चाहिए, न ही सूप आदि पीना चाहिए।