पति-पत्नी का टकराव हद से आगे न बढ़ जाए


अकसर छोटी-छोटी बातों को लेकर पति.पत्नी इस हद तक झगड़ पड़ते हैं कि उनकी जिंदगी में सिर्फ तनाव ही रह जाता है, जो उन पर इस हद तक हावी हो जाता है कि दोनों का एक छत के नीचे जीवन बसर करना मुश्किल हो जाता है और नौबत तलाक तक पहुंच जाती है।


सागर और सारिका के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। शुरू से ही खुलेपन में पली-बढ़ी होने के कारण सारिका घर की मर्यादा को समझ नहीं पाई जबकि सागर ऐसी लड़की चाहता था, जो शादी के बाद उसे व उसके घर को संवारे, लेकिन सारिका ऐसा नहीं कर पाई। किटी पार्टियों, सहेलियों, क्लब, शापिंग आदि के चक्कर में उसने सागर को उपेक्षित कर दिया, जिस कारण हर रोज दोनों में जरा-जरा सी बातों को ले कर बहस होने लगी और बात तलाक तक जा पहुंची।


लेकिन यदि आम जिंदगी में पति-पत्नी कुछ बातों को ध्यान में रखें तो तनाव से बच कर अपने घरेलू जीवन को खुशियों से भर सकते हैं। यदि पति-पत्नी के बीच कभी झगड़ा हो तो दोनों में से एक को शांत हो जाना चाहिए जिससे बात आगे न बढ़े और फिर पति-पत्नी का झगड़ा तो पानी के बुलबुलों की तरह होता है, जो पल भर में ही खत्म हो जाता है। आइए जानते हैं कुछ नुस्खे जिनको अमल में लाकर जीवन को खुशगवार रखा जा सकता -



  •  पति-पत्नी को चाहिए कि वे एकदूसरे को समझें, एकदूसरे की भावनाओं की कद्र करें।

  • अपने रिश्ते में कभी श्मैंश् को न आने दें।

  • कभी-कभी चुप्पी भी बहुत कुछ ऐसी बातें कह जाती है, जिन्हें बोलने से सिर्फ कड़वाहट ही पैदा हो और फिर इस तरह दूसरे तक आपका संदेश सहजता से पहुंच जाता है।

  • घर का झगड़ा घर में ही सुलझा लें। बाहर वालों को इसकी भनक तक न लगने दें वरना बात बिगड़ सकती है।

  • यदि पति को आफिस से आने में देर हो जाए तो इस पर उनसे लड़े नहीं, न ही शक करें, पर एकदम विश्वास भी न करें, सामान्य बनी रहें।

  • कभी-कभी पत्नी की नाजायज मांगों से तंग आकर पति कुंठित हो जाते हैं। (यदि वे उनकी मांगें पूरी कर पाने में असमर्थ हैं) जिस कारण भी झगड़े होते हैं।




  •  पत्नी को पति की सीमित आय में रहना सीखना चाहिए और सुखमय जीवन व्यतीत करना चाहिए।

  • एकदूसरे को ताना न दें। जैसे मुझे तो बहुत अमीर घरानों से रिश्ते आ रहे थे। मैं तो तुम से विवाह करके फंस गई आदि। इससे पति का सम्मान प्रभावित होता है, जो अंततः झगड़े का कारण बनता है।

  •  पति-पत्नी दोनों ही एकदूसरे को हर रूप में अपनाएं।

  • दोनों ही एक-दूसरे की इच्छाओं की कद्र करें और एक-दूसरे के माता-पिता को समान रूप से सम्मान दें। क्योंकि अकसर देखने में आता है कि पति-पत्नी के बीच झगड़े का एक बड़ा कारण माता-पिता के सम्मान को लेकर भी होता है।

  • पति-पत्नी आपस में समर्पित रहें, अपनी इच्छाओं को दबाने की बजाय व्यक्त करें, मगर उन्हें एकदूसरे पर थोपें नहीं।

  • कभी भी एकदूसरे के अतीत को न कुरेदें। आपका भविष्य ज्यादा महत्व रखता है। कल आप क्या थे, इस पर झगड़ना बेवकूफी है, आज आप क्या हैं और आज के आधार पर कल क्या होंगे, यह ज्यादा महत्व रखता है।

  • अगर कोई बात आपको तकलीफ पहुंचा रही है तो शांत होकर, आराम से अपने पति से बातचीत करें। झगड़ा किसी परेशानी का हल नहीं बल्कि तनाव की जड़ है।