किस उम्र में करवाएं कौन सा मेडिकल टेस्ट



0-1 साल
किसी भी मेडिकल टेस्ट की आवश्यकता नहीं। बच्चा अगर स्वस्थ है तो मेडिकल टेस्ट की आवश्यकता नहीं पड़ती। अगर बच्चे का विकास (शारीरिक और मानसिक) नहीं हो रहा तो चाइल्ड स्पेशलिस्ट को दिखाएं और उन्हीं के परामर्श अनुसार चलें।



1-2 साल
बस स्टूल टेस्ट करवाएं क्योंकि बच्चे गंदे हाथ मंुह में ढालते हैं, कुछ भी गिरा हुआ खा लेते हैं, बिना धुला खा लेते हैं जिससे उनके पेट में कीड़े होने की शंका रहती है।



4-5 साल
बच्चे का साधारण सा मेडिकल चेकअप कराएं जैसे कद, वजन, आंख, दांत आदि। यह चेकअप इसलिए जरूरी है ताकि पता चले बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास ठीक है। अगर कहीं कमी है तो समय पर इलाज कराया जा सके।



10 साल
बच्चे के दांत और आंख का चेकअप करवाते रहें ताकि उनके सही विकास का ज्ञान होता रहे।



15-16 साल
लड़कों के लिए:- एक्सरे, लिपिड प्रोफाइल, ब्लड शुगर, थायराइड आदि का टेस्ट करवाएं। वैसे ये टेस्ट ओवरवेट लड़कों के लिए ही जरूरी हैं ताकि उनका इलाज समय पर हो सके। कई बार इस उम्र के बच्चे फैटी फास्ट फूड अधिक खाते हैं। ऐसे में उन्हें कोलेस्ट्राल और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।




लड़कियों के लिए:-



इस आयु में लड़कियों के हार्मोंस व थायराइड टेस्ट करवाएं। अगर लड़कियों के 18 साल तक पीरियड्स अनियमित हैं तो टेस्ट कराना जरूरी है। उनका कद और वजन का भी चेकअप कराएं ताकि वे ओवरवेट न हों और न ही अंडरवेट। अधिक वजन होने से कई बीमारियां उन्हें अपनी गिरफ्त में ले सकती हैं।



20-30 साल



इस आयु में अगर युवक युवती पूरी तरह से स्वस्थ हैं तो किसी भी प्रकार के टेस्ट की आवश्यकता नहीं होती। अगर कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्या है तो डाक्टर के परामर्श अनुसार टेस्ट करवाएं। महिलाओं को कभी कभी आवश्यकता पड़ती है विशेष टेस्टों की। अगर पीरियडस अनियमित हैं तो पीसी ओडी टेस्ट करवाया जाता है। अगर गर्भ धारण किया है तो गाइनाकोलिजस्ट के कहे अनुसार मेडिकल टेस्ट कराएं जैसे ब्लडशुगर, थायराइड, यूरीन टेस्ट, हीमोग्लोबिन, एच आई वी आदि।



40 साल के बाद महिलाओं के लिए जरूरी



मेमोग्राफी, पेप स्मीयर, पल्विक अल्ट्रासाउंड टेस्ट महिलाओं के लिए करवाने जरूरी हैं। मेमोग्राफी से ब्रेस्ट संबंधी बीमारियों का पता चलता है और ब्रेस्ट कैंसर के बारे में भी पता चलता है। वैसे 35 साल की आयु के पश्चात महिलाओं को सेल्फ ब्रेस्ट इग्जामिन करते रहना चाहिए। निप्पल से किसी भी तरह का òाव होने पर डाक्टर से मिलें या कोई गांठ या लगातार दर्द होने पर डाक्टर से मिलें।



पैप स्मीयर टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है। वैसे अब सर्वाइकल कैंसर के इंजेक्शन शादी से पूर्व युवतियों को लगवाने की सलाह डाक्टर देते हैं। इंजेक्शन लगवाने के बावजूद भी पैप स्मीयर टेस्ट अवश्य करवाएं। इंजेक्शन आपको इस कैंसर से बचाव हेतु लगाए जाते हैं पर इसका अर्थ यह नहीं कि आप सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षित हैं।



पेल्विक अल्ट्रासाउंड इसलिए कराया जाता है क्योंकि महिलाओं की यह उम्र मेनोपाज की होती है। इस समय कभी कभी अधिक रक्तòाव पीरियडस में होता है और साथ में पेट के निचले हिस्से में दर्द भी कई महिलाओं को होता है। अल्ट्रासाउंड से ओवरी कैंसर की जांच भी हो जाती है। इसके अतिरिक्त ओवरी में सिस्टस और टयूमर का पता चल जाता है, साथ ही यूरिनरी ब्लैंडर संबंधी बीमारियों की जांच कुछ अन्य टेस्ट करवा कर हो जाती है।




45 साल के बाद महिलाओं और पुरूषों के लिए जरूरी टेस्ट



45 साल के बाद पुरूषों और महिलाओं को रेगुलर मेडिकल टेस्ट की आवश्यता पड़ती है जैसे यूरिन इंफेक्शन टेस्ट, बी.पी, ईसीजी, ईको, ईकेजी, टीएमटी, बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट और प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजेन टेस्ट करवाते रहना जरूरी है।



कभी कभी आयु बढ़ने पर पेशाब अधिक आना या खुल कर न आना समस्या बन जाती है। इसके लिए यूरिनरी ट्रेक्ट इंफेक्शन टेस्ट करवाना जरूरी है। अगर स्त्री और पुरूष दोनों स्वस्थ हैं तो 5 साल में एक बार इसकी जांच अवश्य कराएं।



बीपी, ईसीजी, ईको, टीएमटी, ईकेजी से हम अपने दिल से संबंधित बीमारियों का पता लगा सकते हैं। ये टेस्ट महिलाओं और पुरूषों दोनों के लिए जरूरी है। स्वस्थ लोग इन्हें 2-3 साल के अंतराल में करा सकते हैं। बीपी अगर हाई है तो डाक्टर से परामर्श कर दवा नियमित लें। लिपिड प्रोफाइल, कोलेस्ट्राल की जांच साल में एक बार स्वस्थ लोग करवाते रहें। ब्लड शुगर की भी जांच नियमित कुछ अंतराल बाद करवाते रहें।



बोन मिनरल टेस्ट से अस्थियों की स्थिति का पता चलता है। आॅस्टियोपोरोसिस के बारे में बोन डंेसिटी टेस्ट से पता चलता है। यह टेस्ट महिलाओं, पुरूषों दोनों को करवाना चाहिए । आस्टियोपोरोसिस की समस्या महिलाओं को अधिक होती है क्योंकि मेनोपाॅज के बाद हार्मोनल बदलाव होने से उन्हें इससे जूझना पड़ता है। महिलाओं को मेनोपाॅज के हर दो वर्ष के अंतराल में इसे करवाना चाहिए, साथ ही विटामिन डी की जांच भी करवाएं।
प्रोस्टेट स्पेसिफिक, एंटीजन टेस्ट पुरूषों के लिए आवश्यक है। इससे प्रोस्टेट कैंसर के बारे में पता चलता है। 60 साल के बाद प्रोस्टेट से संबंधित समस्या पुरूषों में बढ़ने लगती हैं। अगर आप पीएसए टेस्ट करवाएंगे तो समय रहते इलाज हो सकता है।



बाकी कुछ ब्लड संबंधी टेस्ट बीमार होने पर करवाते रहने चाहिए, डाक्टरी परामर्श अनुसार। कान, नाक, गले, आंखांे व दांतों के टेस्ट जरूरत अनुसार करवाएं।