छोटे बच्चोें में दांतों की सड़न के लक्षण



छोटे बच्चों में दांतो की सड़न एक मुख्य समस्या होती है। दांतों में सड़न की शुरुआत बच्चे के पहला दांत निकलने के साथ ही हो जाती है। बच्चों में पहला दांत निकलने के साथ ही गीले कपड़े से रोज दांतों को साफ किया जाना चाहिए। जब कुछ और दांत निकल आएं तो बहुत ही सॉफ्ट और छोटे ब्रश से सफाई करना चाहिए। दांतो की समस्या में बच्चों के दांतो पर कैवटीज की एक परत बन जाती है। इसकी सबसे बड़ी वजह बच्चों के दांतों की सफाई ठीक ढंग से नहीं होना। अक्सर बच्चे चॉकलेट, बिस्कुट, टॉफियां आदि खाते हैं जो उनके दांतो में चिपक जाते है जिससे दांतो में सड़न होती है। बच्चों को नियमित रुप से सुबह शाम ब्रश करवाना चाहिए।


दांतो की सड़न के कारण -


बच्चों में दांतो की सड़न की समस्या जीवाणु संक्रमण के कारण होती है। बच्चे जो भी खाते हैं या पीते हैं उनसे यह जीवाणु उनके दांतो तक पहुंचते हैं और सड़न का कारण बनते हैं। इन जीवाणुओं से बच्चों के दांतो की बाहरी परत पर असर होता है और उनके दांतो के रंगों व बनावट में बदलाव होने लगता है जिसे आसानी से देखा जा सकता है।



दांतो में सड़न के जोखिम कारक-



  • अनुवांशिक कारणों की वजह से बच्चों में दांतो की समस्या हो सकती है।

  • ज्यादा मीठा, चॉकलेट व चिपकने वाली टॉफियों से दांतो में सड़न हो सकती है।

  • अगर बच्चे रोज ब्रश नहीं करते हैं तो दांतो व मसूड़ों में समस्या हो सकती है।

  • स्नैक्स व कोल्ड ड्रिंक पीना बच्चो के दांतो में सड़न की मुख्य वजह हो सकती है।


दांतो में सड़न के लक्षण-


हर बच्चे के दांतो में सड़न के लक्षण अलग-अलग होते हैं। कई बार यह लक्षण एक साथ दिखाई देते है और कई बार अलग अलग भी दिखते हैं। आईए जानें बच्चों में दांतो में सड़न के लक्षण



  • बच्चों को खाना चबाने व निगलने में समस्या होती है।

  • बच्चों के जबड़े में सूजन होना।

  • बच्चों के मुंह से दुर्गंध आना भी सड़न का लक्षण हो सकता है।

  • ब्रश करते वक्त खून आना।

  • मसूडों में सूजन होना।

  • दांतो में गड्ढे होना।

  • बच्चों के दांतो पर काले, सफेद, भूरे रंग के धब्बे दिखाई देना।

  • दांतो का टूटना सड़न का सबसे बड़ा लक्षण है।