आजकल खूब प्रचलन में है पार्लर एट होम


वैक्सिंग, ट्वीजिंग, थ्रेडिंग, फेशियल, ब्लीचिंग, मेनिक्योर, पेडिक्योर, हेयर कलरिंग, हेयर कटिंग और स्टाइलिंग, बॉडी पैक, हेयर रिमूवल... अरे बाप रे! आखिर क्या.क्या नहीं करना पड़ता महिलाओं को। आजकल तो महिलाओं को खूबसूरत बनाने के लिए कॉस्मेटिक इंडस्ट्रीज भी जी.जान से जुटी हैं। आप देख ही रही हैं कि हर रोज कोई न कोई थेरेपी या एक्सपेरिमेंट बाजार में छाए रहते हैं, ताकि महिलाओं को बुढ़ापा न छू पाए। और अगर बुढ़ापा है तो उसे किस तरह छुपाया जाए, मस्कारा या नेल पॉलिश कैसे बेहतर बनाई जाए, त्वचा और बालों की देखभाल किस तरह से हो वगैरह.वगैरह। फलों और फूलों वाली क्रीम और भी न जाने क्या.क्या चीजें बाजार में भरी पड़ी हैं।


तो देखा आपने इतना सारा तामझाम करना पड़ता है महिलाओं को। यहां सोचने वाली बात यह है कि नौकरीपेशा महिलाएं स्वयं के लिए किस तरह से मैनेज करती हैं यह सबकुछ। आखिर ऑफिस, घर, बच्चों की देखभाल के बीच खुद के लिए समय निकालकर ब्यूटी पॉर्लर में जाना काफी मशक्कत का काम होता है। ऐसे में अकसर कई महिलाएं तो ब्यूटी पॉर्लर का रुख ही भूल जाती हैं। लेकिन शायद आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ महिलाओं ने अब इसका तोड़ ढूंढ निकाला है। अब उन्हें अपने सारे कामों के बीच ब्यूटी पॉर्लर जाने के लिए खासतौर से समय नहीं निकालना पड़ता और वह घर बैठे ही बन जाती हैं खूबसूरत। आखिर क्या है यह तरीका, जानना चाहेंगी? जरा ध्यान दीजिए. अब आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं, अब आप ब्यूटीशियन को बुलाकर घर पर ही अपना ब्यूटी ट्रीटमेंट करवा सकती हैं। प्राइवेट फर्म में काम करने वाली प्रमिला बताती हैं कि, श्मैं पहले पूरी ट्रीटमेंट करवाने के लिए पॉर्लर जाती थी। मुझे पूरा एक दिन निकालना पड़ता था, जिसकी वजह से मैं कई दूसरे जरूरी काम नहीं कर पाती थी। फिर पॉर्लर में बैठे.बैठे मैं मोबाइल से फोन पर बात करके काम चलाती थी। इस तरह से निबटाए गए काम से मुझे कभी संतुष्टि नहीं हुई। लेकिन अब मैं महीने में एक बार संडे के दिन ब्यूटीशियन को घर पर ही बुलाती हूं और वह मेरी पूरी ट्रीटमेंट कर देती है।



चंडीगढ़ की भावना कहती हैं कि, श्घर पर ब्यूटीशियन को बुला कर ट्रीटमेंट करवाने में बहुत आराम है। वह कहती हैं कि मैं अपने बेडरूम में आराम से लेट जाती हूं और ब्यूटीशियन जुट जाती है मुझे खूबसूरत बनाने में।श् कोलकाता की सुरेखा बसु के मुताबिक उन्होंने घर पर ब्यूटी ट्रीटमेंट करवाने का सिलसिला अभी पिछले वर्ष ही शुरू किया है। वह कहती हैं, कि घर के कामों से मुझे फुर्सत ही नहीं मिल पाती थी कि मैं पॉर्लर जाऊं। वह कहती हैं कि हाल ही में मैंने मेनिक्योर और पेडिक्योर के लिए घर पर ही एक लड़की को बुलवाना शुरू किया साथ ही मैं महीने में एक बार ऐरोमाथेरेपी भी करवाती हूं। आप शायद सोचेंगी कि यह तो यह सब तो फिल्म स्टार्स और बड़े लोगों के चोंचले हैं, जिनके घर पर ही ब्यूटीशियन आकर ट्रीटमेंट कर जाती हैं। लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि समय की बचत करने का यह सबसे आसान उपाय बन कर उभरा है। इस तरह से ब्यूटीशियंस को घर पर बुलाने में करीब 1000 रुपये से लेकर 4000 रुपये तक का खर्च आ सकता है। ट्रीटमेंट की राशि इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस तरह की ट्रीटमेंट करवाएंगी।


यह नया कांसेप्ट प्रचलित बेशक से तेजी से हुआ हो, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि सभी महिलाओं को यह नया कांसेप्ट पसंद ही आया हो। नेहा वर्मा कहती हैं कि मुझे ट्रीटमेंट पसंद नहीं है। एक मौका तो होता है, जब मैं टाउन जाकर आउटिंग करती हूं पॉर्लर के बहाने। शहर जाकर लेटेस्ट गॉसिप भी तो पता चलती है और दोस्तों से भेंट भी हो जाती है। दिल्ली की एक कॉलेज छात्रा कहती हैं कि सेलून जाना तो रूटीन में शामिल है क्योंकि एक तो ब्यूटी पॉर्लर में ढेरों मैगजीन पढ़ने को मिल जाती हैं साथ ही नए दोस्तों से गपशप आदि भी करने का अवसर मिलता है।


लेकिन जयपुर की कविता की इस संदर्भ में राय कुछ और ही है। वह कहती हैं कि, मैं तो खुद ही सबकुछ कर लेती हूं। अपनी आइब्रो बना लेती हूं, नेल पॉलिश लगा लेती हूं, फेशियल कर लेती हूं, यहां तक कि समय मिलने पर अपने बालों की ट्रीमिंग भी कर लेती हूं। खैर, विचारों की भिन्नता तो मनुष्य में स्वाभाविक सी बात है लेकिन जो भी हो इस भागदौड़ भरी जिंदगी में पॉर्लर एट होम कॉनसेप्ट के सफल होने की गारंटी है।