स्वास्थ्य रक्षक गुणों से भरपूर : अदरक

 


 




यूं तो अदरक को प्रायः एक विशेष मसाले के रूप में देखा जाता है किंतु अधिकांश चिकित्सकों का मानना है कि इसमें सभी औषधीय एवं स्वास्थ्य रक्षक गुणों का भरपूर समावेश होता है सो यह एक रामबाण औषधि से कमतर नहीं है। यही नहीं, अदरक व्यक्ति के शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को भी बाहर निकाल फेंकने की अद्भुत शक्ति रखता है।
यही कारण है कि आज की तारीख में इसका उपयोग अधिकतर दवाइयों के निर्माण हेतु अति आवश्यक समझा जाता है। इसके अलावा अदरक का उपयोग विभिन्न सब्जियों में मसाले के तौर पर करने के साथ-साथ चटनी, सलाद, अचार वगैरह बनाने के लिए भी अमल में लाया जाता है। अदरक को सुखाकर सोंठ के रूप में तब्दील करने के उपरांत इसका उपयोग चाट, मसालों तथा विभिन्न प्रकार के खास व्यंजनों के निर्माण में स्वाद बढ़ाने हेतु भी किया जाता है।



भारत में आई जाने वाली अदरक सर्वगुण सम्पन्न होने के अतिरिक्त सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली होती है तो आइए अब जानते हैं इसके औषधीय गुणों के बारे में:-


छाती की पीड़ा को शांत करें:-
ग्रामीण क्षेत्रों में देखने में आया है कि अक्सर वृद्ध व्यक्ति छाती की पीड़ा से विचलित रहते हैं। इसलिए ऐसे समय में अदरक के रस में मिश्री मिलाकर देने से काफी लाभ मिलता है और छाती की असहनीय पीड़ा भी शांत हो जाती है।


गैस को भगाएं:-
देखने में आया है कि सुबह-सुबह शौच के लिए बैठने पर धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों को शुद्ध भुने हुए अदरक की चाय पीने से काफी फायदा पहुंचता है और बिना धूम्रपान किये शौच खुलकर आता है क्योंकि इस तरह की चाय एक स्फूर्ति तो देती ही है साथ ही गैस को समाप्त करने में भी अपनी अहम् भूमिका निभाती है सो, नित्य अदरक मिश्रित चाय पीनी चाहिए। स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा।


जुकाम ठीक करें:-
अमूमन जाड़े के मौसम में कई लोगों को भयंकर जुकाम की शिकायत होने लगती है तो ऐसे समय में गला भी रूंध जाता है और आवाज कम निकलने लगती है। तब, अदरक के रस में शहद मिलाकर गर्म करके दिन में 2-3 बार अवश्य लें। धीरे-धीरे आराम मिलता महसूस होगा और गला भी खुल जाएगा।



हैजा पर विराम लगाएं:-
बिलकुल न चाहते हुए भी जब हम कभी हैजा रूपी गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं तब बेहद परेशान हो उठते हैं क्योंकि इससे शरीर कमजोर पड़ जाता है। इसलिए जब कभी भी ऐसा दौर आये तो घबराएं नहीं अपितु धैर्य से काम लेते हुए अदरक के रस में अर्कमूल एवं कालीमिर्च पीसकर मिलाएं और रोजाना कुछ दिनों तक प्रयोग करें। निस्संदेह काफी फायदेमंद साबित होगा।


बेहोशी में लाभदायक:-
अचानक घर में अपस्कार मिरगी तथा बेहोशी की हालत दिखाई देने पर तुरंत 25 ग्राम अदरक का रस निकालकर थोड़ा गर्म करके रोगी व्यक्ति को पिलायें। लाभ पहुंचेगा।
इसके अतिरिक्त आप अदरक का उपयोग पेट दर्द, हिचकी, अपच, मूत्रकृच्छ, लकवा, गठिया, प्रदर, खांसी तथा वमन जैसे रोगों के होने की स्थिति में भी भली-भांति करके स्वयं इलाज कर सकते हैं। अतएव, अदरक स्वाद में चरपरी, कुछ तीखी, कड़वी तथा पाचन क्रिया को सुधारने वाली होने के साथ-साथ उष्ण होने के कारणवश व्यक्ति के शरीर से अनेकों रोगों की समाप्ति करने हेतु अग्निबाण है जिसका रोजाना प्रयोग किया जाना व्यक्ति के लिए खास फायदेमंद होगा।