माँ के फर्ज का कर्ज अभी बाकी है : डॉ.स्मृति




आज मैं अपनी मां को श्रद्धांजलि देते हुए चंद शब्द लिखने की कोशिश कर रही हूं। मेरी मां का नाम स्वर्गीय राधारानी है। उनकी उम्र 57 साल की थी, अभी हाल ही में 01 जनवरी 2019 को उनका स्वर्गवास हो गया। वे इस जीवन के सफर में मुझे अकेला छोड़ कर चली गईं, यह जो दुख का पहाड़ मुझ पर टूटा है इसकी पूर्ति कोई नहीं कर सकता, मेरी मां जिला बदायूं की तहसील में वरिष्ठ अधिकारी के पद पर कार्यरत थीं। मेरे पिता का नाम स्वर्गीय श्री सुभाष चंद था। उनका स्वर्गवास मेरे जन्म से पहले ही हो गया था, मेरी मां ने ही मुझे एक मां और पिता बनकर पाला। मैं उनकी एकमात्र संतान हूं, उन्होंने अपना पूरा जीवन मुझे अच्छी परवरिश देने में निकाल दिया, आज मैं जो कुछ भी हूं उनकी बदौलत और उनके आशीर्वाद से श्री सीमेंट में एच.आर.ए. की पद पर कार्यरत हूं और संगीत से पीएचडी कर अंजन टीवी सिंगर एंड आर्टिस्ट हूं, डेजल क्वीन 2018 भी रह चुकी हूं।



मेरी हर छोटी-बड़ी सफलता का श्रेय मेरी मां को ही जाता है, उनकी श्रद्धांजलि के लिए मैं चंद लाइन लिखना चाहती हूं और विनती करती हूं अपने सभी दोस्तों से कि जीवन में जितना भी व्यस्त हो कितना भी घर परिवार से दूर हों, अपनी मां को वक्त जरूर दें। मां से बढ़कर इस दुनिया में कोई नहीं। मां एक ही होती है और यह भी झूठ नहीं कि वक्त बलवान होता है, कुछ शब्द मां को याद करते हुए, हम अगर शब्द हैं तो वह पूरी भाषा है। मेरी मां की यही परिभाषा है। इस दुनिया में एक मां ही है जो हमें 9 महीने से ज्यादा जानती है, पता है प्यार अंधा क्यों कहा जाता है, क्योंकि एक माँ ही होती है जो आपका चेहरा देखने से पहले आपको प्रेम करना शुरू कर देती है। मां एक ऐसा अनमोल रत्न है जिसके बारे में, शब्दों में क्या बयां करूं, जो कि बयां कर पाना कठिन है। कहते हैं भगवान हर वक्त किसी के साथ नहीं रह सकते, इसलिए ही उन्होंने मां जैसा अनमोल रतन बनाया। मां के समान कोई नहीं होता, मां भगवान के समान होती है, हम चाहे कितनी भी पूजा पाठ करें, दान दें, लेकिन अपनी मां को खुश नहीं कर सकते तो, सब व्यर्थ है, क्योंकि माँ भगवान का बनाया हुआ वह किस्सा है जिसे आज तक स्वयं भगवान भी नहीं समझ पाए, तभी भगवान से भी ऊंचा दर्जा माता है।



अगर वह हमें डांटती है तो वह मनाती भी है, मारती है तो प्यार की बौछार भी वही करती है, हमारे दर्द को सबसे पहले माँ ही समझती है, अजीब होती है माँ दोस्तों, लेकिन जिसके पास मां होती है वह बहुत खुशनसीब होते हैं। इस मतलब की दुनिया में जो बिना स्वार्थ के प्रेम करें वह सिर्फ मां ही होती है, मां वह होती है जो मन की बात को कहने से पहले जान लेती है, जो हमारी आंखों को अपनी आंखों से देखते ही पहचान ले, दर्द हो या खुशी हमारी हर हरकत को दूर से ही देख कर जान लेती है। ममता का आंचल है जो आंचल हमें आने वाले हर तूफान से लड़ना सिखाता है, जो दुनिया की हर बुरी नजर से हमें काले टीके की तरह बचाता है। मैं क्या तारीफ करूं उस मां की जिसमें मुझे मां और बाप बन कर ही पाला है। जिसने मुझे 9 महीने अपनी कोख में संभाला है। हर दर्द सह कर भी मुझे संभाला है, बस इतनी ही श्रद्धांजलि देते हुए कहती हूं कि मेरी  दुनिया में जितनी भी शोहरत है वह मेरी मां के बदौलत है। हे मेरे भगवान! क्या मांगू मैं तुमसे, बस एक अर्ज है, जब भी जन्म लूं बेटी बनकर अपनी मां की कोख से ही जन्म लूँ, कर्ज जो मैं मां के दूध का कर्ज ना चुका सकी, पर फर्ज अभी बाकी है मेरी मां के प्रीत का।