जरूरी है अंदरूनी अंगों की सफाई


बाहर की सफाई तो सभी प्रतिदिन करते हैं और अधिक सजग रहते हैं कि हम सुंदर दिखाई दें, इसलिए सुंदर लगने के लिए कई आर्टिफिशियल सौंदर्य प्रसाधनों का प्रयोग भी करते हैं पर अंदरुनी अंगों की सफाई के लिए सभी लोग उतने सजग नहीं है जितने कि बाह्य सफाई के लिए।


बाह्य अंगों की नियमित सफाई से ज्यादा आंतरिक अंगों की सफाई का होना आवश्यक है क्योंकि शरीर के वे अंग जिनसे शरीर की मैल, गंदगी, मल मूत्रा विसर्जित होते हैं यदि उनका ध्यान न रखा जाए तो कई प्रकार के रोग शरीर को लग जाते हैं जैसे खुजली, सूजन, जलन, बदबू आदि।


विशेषकर महिलाओं को मूत्रा त्यागने के बाद अपनी योनि की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि इसी मार्ग द्वारा मासिक धर्म का स्राव, योनि से निकलने वाला चिकना पदार्थ और यौन संपर्क के बाद वीर्य का निष्कासन आदि होता है।



यदि मूत्रा मार्ग की सफाई का ध्यान न रखा जाए तो वहां गंदगी की परतें जमा हो जायेंगी जिससे जलन, खुजली, सूजन और दाने हो सकते हैं। इसलिए अपने अंदरूनी अंगों को नजर अंदाज न कर उनकी उचित साफ सफाई करनी चाहिए ताकि रोगों से छुटकारा भी मिलता रहे।



  • टाइट नायलान की ब्रा और पैंटी न पहनें। इनसे एलर्जी होने का खतरा बढ़ता है और बैक्टीरिया पनपने से फंगल इंफैक्शन भी हो सकता है। प्रतिदिन धुले हुए, सूती आरामदायक अंतर्वस्त्रा पहनें।

  • पूरी तरह से सूखे हुए पहनें। यदि अंतर्वस्त्रा थोड़े भी सीले हों तो उन्हें प्रेस करके पहनें। गीले वस्त्रों से भी एलर्जी हो सकती है।

  • मासिक धर्म प्रारम्भ होने से लगभग एक सप्ताह पूर्व योनि के बाल साफ कर लें या उन्हें छोटा कर लें। ऐसा करने से इन दिनों सफाई में आसानी रहती है।

  • मासिक धर्म के दिनों में जब भी मूत्र त्याग करने जायें, योनि मार्ग को भी अच्छी तरह धो लें। वैसे इस आदत को हमेशा प्रयोग में लाएं तो बेहतर रहता है।

  • मासिक धर्म के दिनों में घर का कोई भी कपड़ा प्रयोग में न लाएं। बाजार से उपलब्ध पैड्स ही प्रयोग करें। कपड़ा कभी प्रयोग में लाना भी पड़े तो साफ नर्म कपड़ा ही प्रयोग में लाएं। टैम्पून का प्रयोग अविवाहित लड़कियां न करें। कभी-कभी कौमार्य झिल्ली फट जाने का डर रहता है।

  • बगलों, जांघ और अपने प्राइवेट पाटर््स को सूखा रखें। नहाने के बाद इन्हें नर्म तौलिए से अच्छी तरह सुखा कर वस्त्रा पहनें।

  • यदि महिलाओं को किसी भी प्रकार का स्राव होता हो तो उन्हें अपनी पैंटी में नैपी लाइनर का प्रयोग करना चाहिए या फिर दिन में दो बार अपनी पैंटी बदलनी चाहिए और मूत्रा त्याग करते समय उस हिस्से को अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए।




  • नहाते जाते समय अपने पास एक छोटा नर्म रोंएदार तौलिया रखें और उसको गीला कर अपने योनि मार्ग को साफ करें। इसी प्रकार मलद्वार की गंदगी भी साफ करें। कभी भी यहां किसी भी प्रकार का तेल, पाउडर नहीं लगायें। साफ पानी से अच्छी तरह धोएं या गुनगुने पानी से उसकी सफाई करें।

  • संभोग करने के पूर्व भी योनि मार्ग को अच्छी तरह धो लें और बाद में भी योनि मार्ग को धोना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार का संक्रमण फैले नहीं। संभोग के तुरंत बाद मूत्रा त्याग भी करना चाहिए ताकि वीर्य योनि मार्ग से चिपका न रह सके। वीर्य के चिपके रहने से भी योनि मार्ग में दुर्गन्ध बनी रहती है और कई प्रकार के संक्रमण उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है।