महिलाओं के लिए प्रेरणा बनना मेरा ध्येय : राखी तंवर

महिलाओं के लिए प्रेरणा बनना मेरा ध्येय : राखी तंवर


खास अवसर पर हुई मुलाकात पर साक्षात्कार के दौरान राखी तंवर ने ‘आपकी सेहत’ के उप संपादक अनिल अरोड़ा को अपने बारे में बताया कि मैं राखी तंवर जो एक राजपूत परिवार से हूँ। आज अचानक मेरा मन यह सोचने पर मजबूर हुआ कि एक औरत की पहचान क्या है? मुझे लगता था की एक औरत की जिन्दगी चार दीवारी तक ही सीमित है। हाल ही में एक महिलासशक्तिकरण के एक प्रोग्राम का हिस्सा बनी, जहां देखा कि औरत की जिन्दगी में भी अपनी खुद की पहचान है उसकी कुछ इच्छाएं है, कुछ सपने है। वर्षो से महिलाओं को एक बन्धन में बांध रखा है।



भारत को आजादी मिलने के इतने साल बाद भी महिलाओं की स्थिति में ज्यादा परिवर्तन नहीं आया। आज भी घरेलू हिंसा, यौन उत्पीडन, बाल विवाह, होते रहते है समाज में जागरुकता लाना बहुत जरूरी है। महिलायें केवल घर की चार दिवारी तक ही सीमित नहीं है, वह घर और बाहर दोनों की जिम्मेदारी बखूबी निभा सकती है। आज महिलाये इस मुकाम तक पहुच गयी है कि दूसरो के लिए प्रेरणा बन गयी है। इसी सोच ने मुझे ‘मिसेज इविक 2018’ जो एक महिला सशक्तिकरण को आगे लाने का एक ऐसा मँच है ओर मैं इस मँच पर पहुचीं और विजेता रही। इस मंच ने मुझे पंख दिये, मुझे एक पहचान दी। मेरा सपना है मैं समाज की हर महिला के लिये प्रेरणा बनूं।



मैं यह जरूर कहना चाहूंगी की हर कामयाब आदमी के पीछे एक महिला का हाथ होता है लेकिन मेरी पहचान के पीछे एक पुरूष (मेरे पति संदीप तंवर) का बहुत बड़ा हाथ है।



महिला सशक्तिकरण के सपने को हकीकत में कामयाब करने के लिये लड़कियों को शिक्षित और उनके महत्व को समझने की जरूरत है। जब एक महिला आगे बढ़ती है परिवार बढता है, समाज बढता है और देश आगे बढता है यही महिला सशक्तिकरण है।