शीघ्र रजोनिवृत्त हो रही हैं भारतीय महिलाएं


इंस्टीट्यूट फार सोशल इकोनाॅमिक चेंज द्वारा किए गए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण से चैंका देने वाले आंकड़े प्राप्त हुए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार भारतीय महिलाएं रजोनिवृत्ति की आयु से बहुत पहले ही रजोनिवृत्त हो रही हैं। यहां तक कि कुछ महिलाएं 30 वर्ष की आयु में रजोनिवृत्त होती पाई गई हंै। इस परिवर्तन से महिलाओं के लिए अस्थिक्षरण, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
सर्वे में यह भी पाया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं समय पूर्व रजोनिवृत्ति की शिकार अधिक हुई हैं। जहां ग्रामीण क्षेत्रों की 18.3 प्रतिशत महिलाएं इसकी शिकार हैं वहीं शहरी क्षेत्रों में 16.1 प्रतिशत महिलाएं इसकी शिकार हंै।’ प्राकृतिक रजोनिवृत्ति की आयु 45 वर्ष और 55 वर्ष के बीच मानी जाती है अर्थात् औसत महिलाएं विश्वव्यापी लगभग 51 वर्ष की आयु में रजोनिवृत्त होती हंै। अशिक्षित महिलाओं और आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग की महिलाओं में समय से पूर्व रजोनिवृत्ति देखी गई है।
अशिक्षित महिलाओं में तो लगभग 19.5 प्रतिशत महिलाएं इसकी शिकार हैं जबकि शिक्षित महिलाओं में 11.1 प्रतिशत महिलाएं इसकी शिकार हैं। शायद इसीलिए केरल में समय पूर्व रजोनिवृत्त महिलाएं मात्र 11.6 प्रतिशत हैं जबकि आंध्र प्रदेश और बिहार में उनकी संख्या 31.4 और 21.7 प्रतिशत है। शीघ्र रजोनिवृत्ति से आॅस्टियोेपोरोसिस, हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और बे्रस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।